गया।दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के रसायन विज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. गिरीश चंद्र ने पुर्तगाल के कैपरिका में प्रतिष्ठित “6वें इंटरनेशनल कैप्रिका कांफ्रेंस ऑन क्रोमोजेनिक एंड एमीसिव मैटेरियल्स (आईसी3ईएम)” में आमंत्रित मौखिक प्रस्तुति दी। सीयूएसबी के जन संपर्क पदाधिकारी (पीआरओ) मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि डॉ. चंद्र को ‘द प्रोटिओमास साइंटिफिक सोसाइटी, पुर्तगाल’ के अध्यक्ष और प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पत्रिका ‘डाईज एंड पिगमेंट्स’ के संपादकीय सदस्य द्वारा निमंत्रण मिला था। सम्मेलन का विषय चिकित्सीय, दवा वितरण और सामग्री अनुप्रयोगों के विभिन्न उद्देश्यों के लिए एमिसिव सामग्रियों के विकास में वर्तमान प्रवृत्ति पर चर्चा करना था। डॉ. चंद्र ने एजोबेंजीन व्युत्पन्नों के अभिनव संश्लेषण और इसके दिलचस्प फोटोफिजिकल गुणों पर अपने समूह के काम को भी प्रस्तुत किया। उनके प्रस्तुति का शीर्षक ‘एक्सप्लोरेशन ऑफ़ ऑक्सीडेटिव डिएरोमेटाइजेशन रिएक्शन ऑन मिथाइलेटेड एजोबेंजीन डाई: अनएक्सपेक्टेड ऑक्सीडेटिव डिमेथिलेशन, देयर मेकनिस्टिक इंवेस्टीगेशंस एंड स्पेक्ट्रोस्कोपिक स्टडीज’ था |
डॉ. चंद्रा ने बताया कि हर दूसरे वर्ष आयोजित होने वाला यह सम्मेलन उत्सर्जक पदार्थों के वर्तमान और भविष्य के परिप्रेक्ष्य पर चर्चा के लिए एक बेहतरीन मंच है और संभावित सहयोग का अवसर प्रदान करता है। पिछले वर्षों की तरह इस बार भी पुर्तगाल में एक सप्ताह तक चले सम्मेलन में दुनिया भर के शीर्ष वैज्ञानिकों ने अपने रोचक और आधुनिक कार्यों को प्रस्तुत किया।
सीयूएसबी के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह ने प्रतिष्ठित सम्मेलन में भाग लेने का निमंत्रण मिलने पर डॉ. चंद्रा को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। डीन और विभागाध्यक्ष प्रो. अमिय प्रियम ने विभाग के संकाय सदस्यों के साथ डॉ. चंद्र को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपने शोध कार्य को प्रदर्शित करने के लिए बधाई दी। वहीँ डॉ. चंद्र ने इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ वित्तीय सहायता और यात्रा अनुदान प्रदान करने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), नई दिल्ली के प्रति आभार व्यक्त किया।