डेस्क।स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और आजादी के नायक सुभाष चंद्र बोस के अवशेषों को जापान से भारत लाने की मांग उठने लगी है। नेताजी के पोते चंद्र कुमार बोस ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि 18 अगस्त तक जापान के रेंकोजी से उनके अवशेषों को भारत लाया जाए। साथ ही उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार को नेताजी की मौत पर बयान भी देना चाहिए। ताकि उनके बारे में फैली अफवाहों पर लगाम लगे। बोस ने कहा कि केंद्र सरकार ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी से संबंधित फाइलों को सार्वजनिक किया था। इसके बाद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुई 10 से ज्यादा जांचों से यह स्पष्ट है कि नेताजी की मौत 18 अगस्त को 1945 को ताइवान में हवाई दुर्घटना में हुई थी। इसलिए जरूरी है कि भारत सरकार उनकी मौत पर अंतिम बयान जारी करे।नेताजी की मौत के रहस्य से पर्दा उठाने के लिए केंद्र ने तीन जांच आयोगों का गठन किया था। उनमें से दो शाह नवाज आयोग (1956) और खोसला आयोग (1970) ने कहा कि बोस की मौत एक विमान दुर्घटना में हुई थी। तीसरे मामले में मुखर्जी आयोग (1999) ने कहा था कि वह इसमें नहीं मरे। कई लोग अभी भी मानते हैं कि नेताजी विमान दुर्घटना में बच गए थे और छिपकर रहते थे।