सीयूएसबी में एंटी-रैगिंग सप्ताह के अंतर्गत 12-18 अगस्त, 2024 के दौरान आयोजित किए जायेंगे विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
गया।विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के निर्देशों के अनुसार, उच्च शिक्षण संस्थानों में रैगिंग की समस्या को रोकने और रैगिंग के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के लिए, सीयूएसबी ने सोमवार, 12 अगस्त, 2024 को एंटी रैगिंग दिवस मनाया। सीयूएसबी के जन संपर्क पदाधिकारी (पीआरओ) मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि विश्वविद्यालय 12-18 अगस्त, 2024 के दौरान एंटी-रैगिंग सप्ताह मना रहा है, जिसमें विभिन्न जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। पीआरओ ने बताया कि विश्वविद्यालय की एंटी-रैगिंग टीम ने एंटी-रैगिंग सप्ताह के दौरान छात्रों से संबंधित कई गतिविधियों जैसे ओरिएंटेशन प्रोग्राम, सेमिनार, पोस्टर और निबंध लेखन प्रतियोगिताएं, परिसर में एंटी-रैगिंग मार्च, नुक्कड़ नाटक आदि आयोजित करने की योजना बनाई है। सीयूएसबी के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह की देखरेख में आयोजित एंटी रैगिंग दिवस कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में गया के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) श्री आशीष भारती, आईपीएस उपस्थित थे, जबकि विशिष्ट अतिथि समाजसेवी श्री शिव कैलाश डालमिया, प्रबंध निदेशक, डालमिया टेक्सटाइल प्रोसेसिंग प्राइवेट लिमिटेड, गया थे। छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए छात्र कल्याण संकायाध्यक्ष (डीएसडब्ल्यू) प्रो. पवन कुमार मिश्रा और प्रॉक्टर प्रो. प्रणव कुमार भी मौजूद थे। कार्यक्रम में 400 से अधिक छात्र, स्कूलों के डीन, विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य और विश्वविद्यालय के अधिकारी शामिल हुए।
कार्यक्रम की शुरुआत एंटी रैगिंग स्क्वॉड ब्वॉयज हॉस्टल के अध्यक्ष प्रो. विपिन कुमार सिंह के स्वागत भाषण से हुई। सीयूएसबी के नशा मुक्त भारत अभियान की नोडल अधिकारी डॉ. प्रिय रंजन ने नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ शपथ के बारे में बताया। एंटी रैगिंग के नोडल अधिकारी डॉ. जावेद अहसन ने सीयूएसबी में रैगिंग की समस्या को रोकने के लिए अपनाए जा रहे विभिन्न उपायों, निर्धारित दंड और सप्ताह के लिए आयोजित विभिन्न गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।
मुख्य अतिथि श्री आशीष भारती ने अपने छात्र जीवन के अनुभव साझा किए, उन्होंने रैगिंग को एक गंभीर अपराध बताया और कहा कि रैगिंग के मामले में एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। आज राष्ट्रीय एंटी रैगिंग दिवस और अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर उन्होंने छात्रों को परिसर को रैगिंग मुक्त और खुद को नशा मुक्त रखने के लिए प्रोत्साहित किया।
श्री शिव कैलाश डालमिया ने रैगिंग पर अपने विचार साझा किए और बताया कि उनके छात्र जीवन में रैगिंग होती थी, लेकिन आजकल मामले काफी कम हो गए हैं। एंटी रैगिंग स्क्वॉड कैंपस की अध्यक्ष प्रो. राठी कांता कुंभार और गर्ल्स हॉस्टल की एंटी रैगिंग स्क्वॉड की अध्यक्ष प्रो. किरण कुमारी ने भी एंटी रैगिंग पर अपने विचार साझा किए। यूजीसी द्वारा निर्धारित एक लघु वीडियो भी छात्रों को दिखाया गया, जिसमें रैगिंग के दुष्परिणामों के बारे में बताया गया।
अध्यक्षीय संबोधन में सीयूएसबी के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह ने छात्रों से रैगिंग के खिलाफ आवाज उठाने का आह्वान किया। उन्होंने परिसर को रैगिंग मुक्त और नशा मुक्त रखने के लिए एंटी रैगिंग टीम, शिक्षकों और छात्रों की सराहना की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमें जाति, धर्म, रंग, संस्कृति, आर्थिक, क्षेत्रीय या भाषाई अंतर आदि के आधार पर टिप्पणी या भेदभाव नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें एकता में विश्वास करना चाहिए, लेकिन एकरूपता में नहीं। हमें मतभेदों का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने छात्रों और उपस्थित लोगों को ‘नशा दुरुपयोग के खिलाफ शपथ’ लेने के लिए भी निर्देशित किया।
डॉ. तारा काशव, सदस्य एंटी रैगिंग स्क्वॉड गर्ल्स हॉस्टल ने धन्यवाद ज्ञापन किया। एंटी रैगिंग सप्ताह के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों का सञ्चालन डॉ. पूनम कुमारी, डॉ. विजय कुमार सिंह, डॉ. मोजम्मिल हसन, श्रीमती रेणु, डॉ. चंदना सूबा, डॉ. राजेश कुमार रंजन, डॉ. अबोध कुमार, डॉ. राम चंद्र रजक और और प्रो. अर्चना कुमारी के द्वारा किया जाएगा |