सीयूएसबी के कुलपति प्रो. के. एन. सिंह ने लाइब्रेरी गेम पोर्टल और विभागानुसार पुस्तकों का क्यूआर कोड किया लॉन्च*

गया।आजकल भारत समेत दुनिया भर के पुस्तकालय स्वचालन की ओर बढ़ रहे हैं और बिहार राज्य में नैक से ए ++ मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय, दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) अपने केंद्रीय पुस्तकालय में नवीनतम तकनीकों को शामिल कर रहा है। सीयूएसबी के जन संपर्क पदाधिकारी (पीआरओ) मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह ने विश्वविद्यालय के राजर्षि जनक केंद्रीय पुस्तकालय में विशेष रूप से विकसित लाइब्रेरी गेम पोर्टल लॉन्च किया। इसके साथ-साथ कुलपति महोदय ने चलते-फिरते विभिन्न विभागों के पुस्तकों एवं पुस्तकालय संसाधनों की जानकारी के लिए डिज़ाइन किए गए क्यूआर कोड को भी लॉन्च किया। इस अवसर पर सीयूएसबी के कुलसचिव प्रो. नरेंद्र कुमार राणा, विश्वविद्यालय के पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. प्रमोद कुमार सिंह, उप पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. पंकज माथुर, डीएसडब्ल्यू प्रो. पी. के. मिश्रा, प्रॉक्टर प्रो. प्रणव कुमार, सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. मयंक युवराज, सूचना वैज्ञानिक श्री क्षितिज सिंह, प्रोफेशनल असिस्टेंट श्री अरशद अली सहित पुस्तकालय कर्मचारी, संकाय सदस्य, छात्र, शोधकर्ता एवं अधिकारी उपस्थित थे। औपचारिक उद्घाटन के बाद कुलपति, कुलसचिव एवं पुस्तकालयाध्यक्ष ने भारतीय पुस्तकालय विज्ञान के जनक डॉ. एस. आर. रंगनाथन के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। स्वर्गीय डॉ. एस. आर. रंगनाथन की स्मृति में मनाए जाने वाले ‘राष्ट्रीय पुस्तकालयाध्यक्ष दिवस’ के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. प्रमोद कुमार सिंह ने गणमान्य व्यक्तियों एवं अतिथियों का स्वागत किया। साथ ही विश्वविद्यालय के पुस्तकालयाध्यक्ष ने डॉ. एस. आर. रंगनाथन के 132वें जन्मदिवस पर उनके करियर यात्रा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पद्मश्री रंगनाथन ने गणित के प्रोफेसर होने के बावजूद पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान के क्षेत्र में योगदान देकर पुस्तकालय व्यवसाय की नींव रखी और इसे नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।


अपने अध्यक्षीय संबोधन में कुलपति प्रो. के.एन. सिंह ने क्यूआर कोड और लाइब्रेरी गेम पोर्टल विकसित करने के लिए विश्वविद्यालय पुस्तकालय टीम की सराहना की। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि पुस्तकालय पूरी तरह से स्वचालित हो रहा है, जिससे छात्रों, शोधकर्ताओं, शिक्षकों और कर्मचारियों सहित उपयोगकर्ताओं द्वारा संसाधनों तक आसान पहुंच सुनिश्चित होगी। प्रो. सिंह ने पुस्तकालय कर्मचारियों को जुनून और समन्वय के साथ एक विजन और मिशन के लिए काम करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद छात्रों से पुस्तकालय सेवाओं का पूरा उपयोग करके अपने करियर में आगे बढ़ते रहने का आग्रह किया।


गेम पोर्टल विकसित करने वाले सहायक लाइब्रेरियन डॉ. मयंक युवराज ने इसकी विशेषताओं के बारे में समारोह स्थल पर मौजूद लोगों को रूबरू करवाया । उन्होंने कहा कि लाइब्रेरी गेम पोर्टल मूल रूप से एक मजेदार पोर्टल है जो व्यापक अध्ययन के दौरान पुस्तकालय उपयोगकर्ताओं को कुछ राहत और आराम का विकल्प प्रदान करेगा। गेम पोर्टल में लाइब्रेरी-आधारित गेम हैं जिन्हें कोई भी आसानी से खेल सकता है और तरोताजा हो सकता है। दूसरी ओर, क्यूआर कोड विभाग/विषयवार/पाठ्यक्रम के अनुसार विकसित किया गया है, जो कोड को स्कैन करके विशिष्ट पुस्तकों तक आसान पहुंच प्रदान करेगा। कोई भी उपयोगकर्ता या छात्र क्यूआर कोड को स्कैन करके पुस्तकालय में उपलब्ध अपनी रुचि के क्षेत्रों और विषयों से संबंधित पुस्तकों, पत्रिकाओं और अन्य पुस्तकालय संसाधनों की पूरी सूची प्राप्त कर सकता है। यह पहल अकादमिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और अपने छात्र समुदाय के बौद्धिक विकास को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

कार्यक्रम का समापन उप पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. पंकज माथुर द्वारा प्रस्तावित धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ। उन्होंने बताया कि पुस्तकालय संसाधनों में अब तक विश्वविद्यालय पुस्तकालय में 51089 पुस्तकें, 7210 ई-पुस्तकें, 174 प्रिंट जर्नल, 7005 ऑनलाइन जर्नल, 2819 बाउंड वॉल्यूम जर्नल हैं।

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