गया।दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के छात्र परामर्श एवं कल्याण केंद्र ने सीयूएसबी के मनोवैज्ञानिक विज्ञान विभाग और जेपीएन अस्पताल गया के एनसीडी (गैर-संचारी रोग) केंद्र के सहयोग से छात्रों के लिए विशेष रूप से गैर-संचारी रोग पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि कुलपति प्रोफेसर कामेश्वर नाथ सिंह के संरक्षण में ‘गैर-संचारी रोग विशेष रूप से मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या रोकथाम के संदर्भ में’ शीर्षक से कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन संयोजक प्रोफेसर धर्मेंद्र कुमार सिंह, समन्वयक डॉ. मंगलेश कुमार मंगलम, डॉ. दास अंबिका भारती, डॉ. चेतना जायसवाल द्वारा सीयूएसबी के मालवीय भवन के मुख्य सेमिनार हॉल में किया गया।
कार्यक्रम में वक्ताओं के रूप में डॉ. एम.ई. हक (एनसीडीओ, जेपीएन अस्पताल, गया), डॉ. दीपक कुमार (मनोचिकित्सक) और श्री निशांत कुमार (मनोरोग सामाजिक कार्यकर्ता) शामिल हुए । सभी वक्ता गया के गैर संचारी रोग केंद्र से संबद्ध थे। डॉ. एम.ई. हक ने कहा कि स्वस्थ जीवन शैली और इन रोगों के बारे में जागरूकता रोकथाम में महत्वपूर्ण तत्व हैं। उन्होंने कुछ व्यावहारिक सुझाव साझा किए जो संकटपूर्ण चिकित्सा स्थिति में प्राथमिक चिकित्सा सहायता के अंग हैं। डॉ. दीपक और श्री निशांत ने मानसिक स्वास्थ्य की प्रकृति और मानसिक स्वास्थ्य को जीवंत बनाने में जीवन कौशल के महत्व पर अपने विचार साझा किए। मुख्य अतिथि के रूप में सीयूएसबी के शिक्षा संकाय के डीन प्रो. रविकांत ने युवाओं के डिजिटल मानसिक स्वास्थ्य और दैनिक जीवन कौशल के बारे में बात की। इससे पहले स्वागत भाषण में सीयूएसबी के मनोवैज्ञानिक विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. धर्मेंद्र कुमार सिंह ने पैटर्न, व्यापकता और रोकथाम जैसे विभिन्न आयामों में मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति जीवन में कम या ज्यादा तनाव महसूस करता है। जीवन का लक्ष्य तनाव को संतुलित करना और जीवन कौशल विकसित करके जीवन में खुशियाँ लाना है। इसलिए सीयूएसबी में संचालित यह केंद्र विश्वविद्यालय के सभी हितधारकों, विशेष रूप से छात्रों के लिए इस शैक्षणिक कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। अंत में, डॉ चेतना जायसवाल ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित संकाय सदस्यों और छात्रों के प्रति आभार व्यक्त किया।