गया।दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के भूविज्ञान विभाग द्वारा तीन सप्ताह तक चलने वाले ‘जियोस्पेशियल साइंस एंड टेक्नोलॉजी विंटर स्कूल’ का आयोजन नवंबर, 2024 के महीने में करेगा जिसके लिए पंजीकरण प्रक्रिया जारी है। जन संपर्क पदाधिकारी (पीआरओ) मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि सीयूएसबी के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह के संरक्षण में विंटर स्कूल का आयोजन संयोजक प्रो. प्रफुल्ल सिंह, विभागाध्यक्ष, भूविज्ञान विभाग द्वारा 13 नवंबर से 03 दिसंबर 2024 तक किया जाएगा | विस्तृत जानकारी देते हुए प्रो. प्रफुल्ल सिंह, विभागाध्यक्ष, भूविज्ञान विभाग ने बताया कि भूस्थानिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी में तीन सप्ताह का शीतकालीन स्कूल विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के राष्ट्रीय भूस्थानिक कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि भारत के सतत आर्थिक विकास के लिए ज्ञान को सबसे महत्वपूर्ण प्रेरक कारक के रूप में चिन्हित किया गया है। भारत ने सुशासन, सतत विकास लक्ष्यों और अपने नागरिकों के सशक्तिकरण का समर्थन करने के लिए अपने ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम के माध्यम से सतत आर्थिक विकास के लिए एक नई सूचना व्यवस्था को अपनाया है। पिछले तीन दशकों में, विभिन्न क्षेत्रों में भूस्थानिक प्रौद्योगिकियों को व्यापक रूप से अपनाना इन चुनौतियों का सामना करने के लिए एक प्रभावी सक्षमकर्ता साबित हुआ है। भारत की तकनीकी उन्नति के केंद्र में भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग का राष्ट्रीय भूस्थानिक कार्यक्रम (एनजीपी) है। उन्होंने बताया कि भूस्थानिक क्षमता निर्माण कार्यक्रम का उद्देश्य भूस्थानिक विज्ञान, प्रौद्योगिकी, समाधान और उद्यमिता में क्षमताओं को बढ़ावा देना है। शीतकालीन स्कूल में शामिल होने के लिए संकाय सदस्यों, वैज्ञानिकों, सरकारी अधिकारियों, स्मार्ट सिटी सेल, वन अधिकारियों, प्रशासकों, पेशेवर इंजीनियरों, युवा शोधकर्ताओं, गैर सरकारी संगठनों और स्कूल शिक्षकों को आमंत्रित किया गया है। प्रो. सिंह ने बताया कि इस शीतकालीन स्कूल में भाग लेने के लिए कोई पाठ्यक्रम शुल्क नहीं होगा और कार्यक्रम के आयोजकों द्वारा सभी आवास और बोर्डिंग प्रदान की जाएगी।