सीयूएसबी की हरीत पट्टी का पर्यावरण संरक्षण में बहुमूल्य योगदान: डॉ. प्रेम कुमार (माननीय  मंत्री, बिहार सरकार)

दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) का हरा-भरा कैंपस मगध क्षेत्र में एक हरीत पट्टी के रूप में विकसित हो चुका है जिसके कारण विश्वविद्यालय पर्यावरण संरक्षण एवं जैव विविधता संरक्षण एवं संवर्धन में बहुमूल्य योगदान निभा रहा है | आज विश्वभर में जलवायु परिवर्तन एक गंभीर विषय के रूप में सभी राष्ट्रों के सामने कई प्रश्नों को अपने आप मे समेटे हुए खड़ा है, ऐसे में सीयूएसबी कैंपस में फैली हरित पट्टी पुरे बिहार राज्य में फैले शिक्षण संस्थानों के लिया एक प्रेरणा का विषय है | कैंपस में विश्वस्तरीय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ – साथ पर्यावरण संरक्षण के प्रति सीयूएसबी के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह एवं समस्त विश्वविद्यालय परिवार की भागेदारी काफी सराहनीय है | ये वक्तव्य डॉ. प्रेम कुमार, माननीय मंत्री पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, बिहार सरकार ने दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित ‘एक पेड़ माँ के नाम’ वृक्षारोपण कार्यक्रम में कही। माननीय मंत्री ने सीयूएसबी कैंपस की हरियाली के प्रशंसा करते हुए कहा कि जैसे ही मैंने परिसर के अंदर प्रवेश किया मुझे तापमान बाहर की तुलना में कम लगा जो आनंदित करने वाली अनुभूति है | माननीय डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर ”एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान की शुरुआत की गई थी जिसमें समस्त भारत में लोग उत्साह से भाग ले रहे हैं | बिहार राज्य में भी ‘एक पेड़ माँ के नाम’ के अंतर्गत हर ज़िले में वृहद स्तर पर वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं जिससे फारेस्ट कवरेज के प्रतिशत में व्यापक बढ़ोतरी हो रही है। मंत्री महोदय ने सीयूएसबी के प्राध्यापकों एवं छात्रों द्वारा शोध के द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किए जा रहे कृतमानों की भी प्रशंसा की और विश्वविद्यालय के विकास की राह में हर प्रकार के सहयोग देने का आश्वासन दिया।

इससे पहले विश्वविद्यालय परिषर में अवस्थित बौद्ध शिल्पकला के प्रतीक स्तूप के पास ‘एक पेड़ माँ के नाम’ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में माननीय मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह के साथ वृक्षारोपण किया | कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह ने आह्वान किया कि आप सब आज संकल्प लें कि पृथ्वी की रक्षा के लिए एक पेड़ माँ के नाम ज़रूर लगाएं तभी जल, जीवन और हरियाली का लक्ष्य पूरा हो सकता है। कुलपति महोदय ने कहा कि जब यह पृथ्वी सुरक्षित होगी तभी हम सुरक्षित रहेंगे और इसकी रक्षा करना हम सबकी ज़िम्मेदारी है। प्रकृति के तत्व पृथ्वी, जल और वायु में समन्वय बनाए रखने के लिए पेड़ों का संरक्षण भी ज़रूरी है और हमें ज़्यादा से ज़्यादा पेड़ लगाने चाहिए।
इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के जन सम्पर्क अधिकारी (पीआरओ) मोहम्मद मुदस्सीर आलम के अलावा श्री शशिकांत कुमार, डिस्ट्रिक्ट फारेस्ट ऑफिसर (डीएफओ, गया), श्रीमती रश्मि त्रिपाठी (वित्ताधिकारी), डॉ. शान्तिगोपाल पाइन (परीक्षा नियंत्रक), प्रो. पवन कुमार मिश्र (डीएसडब्ल्यू), प्रो. प्रणव कुमार (प्रॉक्टर), कृषि विभाग के प्राध्यापकगण प्रो. राम आशीष यादव, प्रो. प्रभात कुमार सिंह, डॉ. प्रणव त्रिपाठी, डॉ. हेमंत कुमार सिंह तथा सहायक कुलसचिव श्री शशि रंजन आदि मौजूद थे | इस विशेष कार्यक्रम में सीयूएसबी के विभिन्न विभागों के प्राध्यापकों, छात्रों एवं कर्मचारियों के साथ वन विभाग के कर्मचारी तथा गया ज़िला प्रशासन के कर्मी मौजूद थे। वहीं विश्वविद्यालय के एएनओ लेफ्टिनेंट (डॉ.) प्रज्ञा गुप्ता के मार्गदर्शन में एनसीसी कैडेट्स ने मुख्य अतिथि के स्वागत में परेड प्रस्तुत करके सबका मन मोह लिया। कार्यक्रम में शामिल लोगों ने विश्वविद्यालय परिसर और अपने घर के आसपास  एक पेड़ माँ के नाम लगाने और पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान देने का  संकल्प लिया|

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