सीयूएसबी में आठ दिवसीय एनईपी 2020 अभिमुखीकरण और संवेदीकरण कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न

गया।दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के वाणिज्य और व्यवसाय अध्ययन विभाग द्वारा मलवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र के सहयोग से “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020” पर आधारित अभिमुखीकरण और संवेदीकरण आठ दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन किया। कार्यक्रम का आयोजन एमएम-टीटीसी, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में किया गया था। कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह के संरक्षण में आयोजित कार्यक्रम में देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों (एचईआई) के 9 राज्यों से 71 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

पीआरओ मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि समापन सत्र की शुरुआत में कार्यक्रम समन्वयक डॉ. रचना विश्वकर्मा ने मुख्य अतिथि प्रो. राजेश सिंह, पूर्व कुलपति, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय और पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, बिहार के संस्थापक कुलपति का परिचय दिया। इसके बाद सीयूएसी के शिक्षक शिक्षा विभाग के प्रमुख प्रो. रवि कांत ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। एमएम-टीटीसी के निदेशक डॉ. तरुण कुमार त्यागी ने आठ दिवसीय कार्यक्रम के मुख्य बिंदुओं को संक्षेप में प्रस्तुत किया और सत्रों में शामिल महत्वपूर्ण विषयों को दोहराया।

आगे मुख्य अतिथि प्रो. राजेश सिंह ने अपने भाषण में एनईपी 2020 को वर्तमान शिक्षा प्रणाली में शामिल करने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए भारत की विविध शैक्षिक प्रणाली में इसके क्रियान्वयन की जटिलताओं को भी स्वीकार किया। उन्होंने विश्वविद्यालयों द्वारा बाजार की मांगों के अनुसार शैक्षिक कार्यक्रम तैयार करने और इन कार्यक्रमों को चलाने के लिए आत्मनिर्भर वित्तीय मॉडल विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया।

अध्यक्षीय संबोधन में वाणिज्य और व्यवसाय अध्ययन विभाग के प्रमुख प्रो. ब्रजेश कुमार ने कार्यक्रम के उद्देश्य और दृष्टिकोण पर प्रकाश डालते हुए बताया कि एनईपी 2020 उच्च शिक्षा के सभी हितधारकों के बीच जिम्मेदारी की भावना को कैसे बढ़ावा दे सकता है। कार्यक्रम का समापन कार्यक्रम समन्वयक श्रीमती रेनू राय द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने मुख्य अतिथि प्रो. राजेश सिंह, आयोजन समिति और प्रतिभागियों को उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया।

कार्यक्रम के अंतिम सत्र की शुरुआत कार्यक्रम समन्वयक श्रीमती रेनू राय द्वारा स्वागत भाषण के साथ हुई। पहले सत्र में मुख्य वक्ता डॉ. अखिलेश कुमार, निदेशक दूरस्थ और ऑनलाइन शिक्षा केंद्र, तेजपुर विश्वविद्यालय, असम  ने “एनईपी 2020 में समग्र और बहु-विषयक शिक्षा” विषय पर अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया | उन्होंने भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली की मुख्य चुनौतियों पर प्रकाश डाला और उन्हें हल करने के उपाय सुझाए। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण, नैतिक मूल्यों और वैश्विक मुद्दों की समझ को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि छात्र वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सक्षम हो सकें।

सत्र का समापन कार्यक्रम समन्वयक डॉ. रचना विश्वकर्मा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ | डॉ. तरुण कुमार त्यागी ने इस सफल राष्ट्रीय कार्यक्रम के लिए समग्र दिशा प्रदान की, जबकि डॉ. रचना विश्वकर्मा और श्रीमती रेनू राय ने कार्यक्रम समन्वयक के रूप में इसकी समन्वय व्यवस्था को सुनिश्चित किया। छात्र समन्वयक साकेत, रोशन, और शिवांगी ने भी कार्यक्रम की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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