गया।प्राचीन काल से ही भारतीय चिकित्सा प्रणाली विश्वभर में प्रख्यात है और आज के तकनीकी रूप से विकसित दुनिया में भी पुराने घरेलु नुस्खे काफी उपयोगी है | सर्दी, खांसी से लेकर बदहज़मी या कई अन्य तरह के बीमारियां घरेलु नुस्खों और प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली से तवरित रूप से ठीक हो जाते हैं | वर्तमान परिदृश्य में हमें प्राचीन भारतीय चिकित्सीय पद्धत्ति को अपने निजी में अपनाने के साथ ज़्यादा-से-ज़्यादा विकसित करने का प्रयास करना चाहिए | उक्त वक्तवय दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह ने स्वास्थ्य विज्ञान पीठ के फार्मेसी विभाग द्वारा आयोजित चतुर्थ राष्ट्रीय फार्माकोविजिलेंस सप्ताह के समापन समारोह में कहीं | कुलपति महोदय ने प्रशासनिक भवन में आयोजित कार्यक्रम में मौजूद विद्यार्थियों, प्राध्यापकों, अधिकारीयों एवं कर्मयोगियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सीयूएसबी प्राचीन भारतीय चिकित्सीय पद्धत्ति को अपनाने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है अतः विश्वविद्यालय में एक विशेष हर्बल गार्डन को विकसित किया जाएगा जिसमें औषधीय पौधे जैसे नीम, तुलसी, मदार, सिया, लहसुन, अदरक, हल्दी, चंदन आदि को उगाया जाएगा | इस अवसर पर कुलपति प्रो के. एन. सिंह ने कार्यक्रम की उपयोगिता एवं समाज के स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं के लिए फार्मेसी के छात्रों एवं सम्बंधित कर्मचारियों की महत्ता पर प्रकाश डाला |
जन सम्पर्क पदाधिकारी (पीआरओ) मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि इस अवसर पर इस अवसर पर कुलपति महोदय के साथ वित्ताधिकारी श्रीमती रश्मि त्रिपाठी, डिप्टी प्रॉक्टर डॉ. मंगलेश कुमार मंगलम, सहायक कुलसचिव शशि रंजन, स्वास्थ्य पीठ के डीन डॉ. सुब्रत भट्ट मिश्रा, फार्मेसी विभाग के अध्यक्ष डॉ. विवेक दवे और अन्य प्राध्यापकगण डॉ. गिरीश सिंह, डॉ. बिभाश मोहंता एवं डॉ. अरुण कुमार उपस्थित रहे | फार्मेसी विभाग के छात्रो द्वारा आम जनता को दवाओ के कारण होने वाले प्रतिकूल प्रभाव की जानकारी देने और उसे उचित पटल पर रिपोर्ट करने के लिए जागरूक करने के उद्देश्य के निहित, एक नुक्कड़-नाटक एवं रैली का आयोजन किया गया | फ़ार्माकोविजिलेंस, दवाओं की सुरक्षा की निगरानी करने और दवाओं से जुड़ी प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं को रोकने, पता लगाने और आकलन करने की प्रक्रिया है |
इसके उपरांत कुलपति महोदय ने छात्रो द्वारा आयोजित जागरूकता रैली को झंडी दिखाकर विदा किया | यूनिवर्सिटी बस से विभाग के छात्र धर्मशाला गाँव पहुंचे जहाँ पर नुक्कड़ नाटक एवं पत्रक के माध्यम से लोगो को दवाओ के कारण होने वाले प्रतिकूल प्रभाव की जानकारी दी गई | गांव ने प्रतिनिधियों एवं आम लोगों ने सीयूएसबी के छात्रों तथा प्राध्यापकों की इस पहल की सराहना करते हुए साधुवाद दिया |