एम्स पटना ने मनाया 13वां स्थापना दिवस



किडनी और लिवर ट्रांसप्लांट का ऑपरेशन होगा जल्द होगा शुरू

दिसंबर से बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग का अलग बिल्डिंग में सभी सुविधाओं से सुसज्जित अस्पताल का होगा शुभारंभ


लीवर और किडनी के लिए पीजीआई चंडीगढ़ और नई दिल्ली एम्स के सहयोग से प्रत्यारोपण जल्द शुरू करने की तैयारी


एम्स अस्पताल के विस्तार के लिए 50 एकड़ जमीन अधिग्रहण का काम भी जल शुरू होने वाला है


छह माह  में क्रिटिकल केयर सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल भी काम करने लगेगा


1 साल में करीब 250 इमरजेंसी बेड की व्यवस्था के लिए पटना एम्स में हो रही तैयारी : डॉ जी के पाल

रात भर नींद नहीं आती दिल बहुत दुखी होता है जब एम्स से बेड के अभाव में कोई मरीज लौट जाता : निदेशक एम्स पटना


पटना/फुलवारीशरीफ़। बुधवार को पटना एम्स में 13वां स्थापना दिवस समारोह में निदेशक कार्यकारी  डॉक्टर जी के पाल ने कहा कि वर्तमान में पटना एम्स में गंभीर रोगियों के लिए बेड की कमी को देखते हुए एम्स ने ऐसी रणनीति बनाई है कि अगले 1 वर्ष में पटना एम्स देश का पहला ऐसा संस्थान होगा जहां गंभीर रोगियों के लिए एम्स पटना में 250 बेड की व्यवस्था हो जाएगी. बेड नहीं रहने के कारण कई मरीजों को वापस लौटना पड़ता है इसके लिए वह दिल से काफी दुखी हैं. उन्होंने कहा कि इमरजेंसी वार्ड की कमी को देखते हुए इसका प्रपोजल स्टैंडिंग फाइनेंस कमेटी में दिया जा चुका है. सरकार से जमीन उपलब्ध होने के बाद इसका कार्य बहुत जल्द ही प्रारंभ हो जाएगा. सरकार से 50 एकड़ जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है.उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने सभी नए एम्स में 1 साल में एक सौ  इमरजेंसी बेड  बढ़ाने के लिए राशि आवंटित किया है लेकिन पटना एम्स को इसमें 250 बेड की व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि जब उनके पास कोई पैरवी करता है और एम्स में गंभीर रूप से बीमार मरीजों को वह बेड नहीं मिल पाने के चलते भर्ती नहीं करा पाते है तो रात भर उन्हें नींद नहीं आती है. वह चाहते हैं कि एम्स के दरवाजे पर आये  सभी मरीजों को बेड मुहैया हो जाए लेकिन ऐसा उनके चाहने के बावजूद नहीं हो पाता है. पटना एम्स में गरीबों और हर तरह के मरीजों को जिस तरह की उच्च स्तरीय इलाज  सुविधा दी जा रही है उसके प्रचार प्रसार के चलते ही  यहां हजारों की तादाद में रोजाना मरीज पहुंचते हैं. एम्स में किडनी और लिवर ट्रांसप्लांट से बिहार के गरीब मरीजों के लिए यह एक वरदान साबित होगा. डाक्टर पाल ने कहा कि किडनी ट्रांसप्लांट के लिए प्राइवेट नर्सिंग होम में 4 से 5 लाख रुपए के खर्च हो जाते हैं, लेकिन पटना एम्स में बहुत ही कम लागत में इसका ऑपरेशन शुरू होने जा रहा है.निदेशक ने कहा कि पिछले 1 वर्ष में हमने एम्स में बहुत सारी चीजों को बढ़ाया है.उन्होंने कहा कि संस्थान वर्तमान में प्रतिदिन 7,000 रोगियों की ओपीडी सेवा कर रहा है, आईपीडी बेड अधिभोग दर 85% से अधिक है, और सर्जरी के लिए प्रतीक्षा समय को दो साल से घटाकर केवल 25 दिन करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है.एम्स पटना संकाय और नर्सिंग स्टाफ की भर्ती के लिए रोलिंग विज्ञापन प्रणाली लागू करने वाला पहला एम्स संस्थान भी बन गया है. उन्होंने गर्व से उल्लेख किया कि एम्स पटना को भारत के शीर्ष 7 एम्स संस्थानों में स्थान दिया गया है और न्यूज़वीक स्टेटिका द्वारा वैश्विक स्तर पर शीर्ष 100 अस्पतालों में सूचीबद्ध किया गया है.प्रो. (डॉ.) पाल ने आगे कई आगामी पहलों की घोषणा की, जिसमें किडनी प्रत्यारोपण के लिए पीजीआई चंडीगढ़ और लिवर प्रत्यारोपण के लिए एम्स नई दिल्ली के साथ सहयोग शामिल है. संस्थान जल्द ही योग चिकित्सा के लिए सेवाएं शुरू करेगा और बर्न और प्लास्टिक के मामलों के लिए समर्पित नई इमारतें, क्रिटिकल केयर अस्पताल और एक नया शैक्षणिक ब्लॉक शुरू करेगा. इसके अतिरिक्त, संस्थान को डीएचआर-आईसीएमआर डायमंड्स परियोजनाओं और निदान परियोजना सहित अतिरिक्त-दीवार अनुसंधान परियोजनाओं के लिए ₹25 करोड़ से अधिक प्राप्त हुए हैं.


                   पीएमसीएच पटना के फिजियोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) राजीव कुमार सिंह  ने एम्स पटना की फिजियोलॉजी में डीएम की स्थापना में सफलता की प्रशंसा की, जो एम्स संस्थानों में पहली बार हुआ. डॉ. माधवानंद कर ने संस्थान की तीव्र प्रगति की सराहना की, विशेष रूप से सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के क्षेत्र में एम्स के कार्यों को सराहा. आईजीआईएमएस पटना के निदेशक प्रो. (डॉ.) बिंदेय कुमार , जो एम्स पटना के आरंभ से ही इसके साथ जुड़े रहे हैं, उन्होंने पिछले 13 वर्षों में इसकी उपलब्धियों की सराहना की और युवा संकाय को अनुसंधान, उपचार और रोगी देखभाल में अपने उत्कृष्ट कार्य को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया.



इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि  एम्स पटना के अध्यक्ष डॉ. सुब्रत सिन्हा ने एम्स पटना द्वारा प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) के सफल क्रियान्वयन की सराहना की. डॉ. सिन्हा ने संस्थान की स्थापना करने वाले संसदीय अधिनियम द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को दोहराया और चिकित्सा पेशे के भीतर देखभाल के एक स्पेक्ट्रम को प्रदान करने के महत्व पर जोर दिया.

एम्स दरभंगा और एम्स मंगलागिरी के कार्यकारी निदेशक प्रो. (डॉ.) माधवानंद कर ने “प्रिसिजन ऑन्कोलॉजी – फिजिशियन व्यू” पर एक व्याख्यान दिया, जिसमें गामा नाइफ, साइबर नाइफ, प्रोटॉन बीम थेरेपी, सिस्टमैटिक थेरेपी और मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का उपयोग करके लक्षित थेरेपी जैसी अत्याधुनिक तकनीकों पर ध्यान केंद्रित किया गया. डॉ. उमेश कुमार भदानी ने “ध्वनि और प्रकाश के साथ आगे बढ़ना” पर व्याख्यान दिया. पटना एम्स के सीनियर रेजिडेंट हृदय रोग विभाग अध्यक्ष डॉ संजीव कुमार ने कहा कि एम्स पटना की स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा में निरंतर उत्कृष्टता न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर एक अग्रणी के रूप में अपनी भूमिका को प्रदर्शित करता है. संस्थान आने वाले वर्षों में शीर्ष स्तरीय स्वास्थ्य सेवा, अत्याधुनिक अनुसंधान और शैक्षणिक उत्कृष्टता प्रदान करने के अपने मिशन को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है.

कार्यक्रम की शुरुआत सभी गणमान्य व्यक्तियों के स्वागत के साथ हुई, जिसके बाद अतिथियों को गमलों में पौधे भेंट किए गए. दीप प्रज्वलन समारोह के साथ शुभारम्भ हुआ, जिसके बाद एम्स पटना के निदेशक प्रो. (डॉ.) गोपाल कृष्ण पाल ने अतिथियों को शॉल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया.कार्यक्रम में एमबीबीएस और बीएससी नर्सिंग के विभिन्न बैचों के मेधावी छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों को भी मान्यता दी गई. कार्यक्रम का संचालन एसोसिएट डीन डॉ. रुचि सिन्हा ने किया.

कार्यक्रम का समापन डॉ. प्रेम द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिन्होंने सभी गणमान्य व्यक्तियों, कर्मचारियों, आयोजकों, आईटी पेशेवरों और मीडिया कर्मियों के प्रति आभार व्यक्त किया और एम्स पटना की अपनी दृष्टि और मिशन के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि की. इसके बाद छात्रों द्वारा लंच और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

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