Sunday, February 16, 2025
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कड़ी मेहनत, लगन और दृढ़ता से जीवन में कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं, कुलसचिव प्रो. नरेंद्र कुमार राणा

गया।कड़ी मेहनत, लगन और दृढ़ता से जीवन में कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं रहता और इसे हासिल किया जा सकता है । सच्ची लगन और केंद्रित दृष्टिकोण से छात्र जीवन में अपने-अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। ये वक्तव्य दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के कुलसचिव प्रो. नरेंद्र कुमार राणा ने ‘युवा हैकाथॉन’ में कहीं। कुलसचिव महोदय ने कहा कि हैकाथॉन युवा प्रतिभाओं और समस्या-समाधानकर्ताओं के लिए एक उचित प्लेटफार्म है जिसके माध्यम से वे भारत के विकास में सक्रिय रूप से योगदान दे सकते हैं। प्रो. राणा ने छात्रों के साथ अपने करियर के व्यक्तिगत अनुभव भी साझा किए और उन्हें उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। इससे पहले दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के युवा महत्वाकांक्षी छात्रों ने तकनीकी रूप से संचालित कार्यक्रम ‘युवा हैकाथॉन’ के माध्यम से अपनी प्रतिभा और नवोन्मेष का प्रदर्शन किया। कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह के संरक्षण में सीयूएसबी के भौतिकी विभाग ने डीन छात्र कल्याण (डीएसडब्ल्यू) कार्यालय के सहयोग से हैकाथॉन का सफलतापूर्वक आयोजन किया।

जन संपर्क पदाधिकारी (पीआरओ) मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि हैकाथॉन के अंतर्गत छात्रों के लिए नवाचार और भारत की भविष्य की संभावनाओं पर केंद्रित भाषण, पोस्टर प्रस्तुति, स्किट-प्ले, नारे लेखन और मॉडल प्रदर्शनी सहित कई प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट भवन में आयोजित कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन समारोह से हुई, जिसके बाद भौतिकी विभाग के प्रमुख प्रो. वेंकटेश सिंह ने स्वागत भाषण दिया। प्रो. दुर्ग विजय सिंह (निदेशक, अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ) ने कार्यक्रम का विस्तृत विवरण दिया, जबकि प्रो. पवन कुमार मिश्रा (डीएसडब्ल्यू) ने कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन किया। इसके पश्चात छात्रों द्वारा एक स्किट-प्ले का प्रदर्शन किया गया, जिसमें स्मार्ट सिटी विकास के पर्यावरणीय परिणामों और उपजाऊ मिट्टी के घटकों और समुदायों पर इसके प्रभाव को संबोधित किया गया। स्किट-प्ले का प्रदर्शन वीर सावरकर छात्रावास और चाणक्य भवन के प्रवेश द्वार पर भी किया गया, जिससे नवाचार का संदेश व्यापक दर्शकों तक पहुंचा।

कार्यक्रम के दूसरे चरण में निर्णायक मंडल ने प्रदर्शनियों में प्रदर्शित पोस्टर प्रस्तुतियों, नारों और मॉडलों की बारीकी से समीक्षा की। विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों से 35 उत्साही प्रतिभागियों की भाषण प्रतियोगिता में भाग लिया । भाषण प्रतियोगिता का समन्वय डॉ. पुनीत मिश्रा ने किया, जिससे प्रतिभागियों के लिए एक सहज और आकर्षक अनुभव सुनिश्चित हो सका। डॉ. अखिलानंद कुमार द्वारा आयोजित पोस्टर प्रदर्शनी ने विभिन्न विषयों पर रचनात्मक दृश्य प्रदर्शनों के लिए एक मंच प्रदान किया। डॉ. नितिन चंद्रा ने नाटक प्रतियोगिता का प्रभार संभाला और छात्रों को प्रभावशाली प्रदर्शन करने के लिए निर्देशित किया। डॉ. रोहित रंजन शाही द्वारा प्रबंधित नारा लेखन प्रतियोगिता में छात्रों ने अपनी साहित्यिक प्रतिभा का प्रदर्शन किया। वहीं डॉ. लखविंदर सिंह द्वारा समन्वित मॉडल प्रदर्शनी में नवीन डिजाइनों और तकनीकी अवधारणाओं पर प्रकाश डाला गया, जो इसे कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण बना दिया। समापन सत्र में रजिस्ट्रार प्रो. एन. के. राणा, डीएसडब्ल्यू प्रो. पवन कुमार मिश्रा और कार्यक्रम समन्वयक प्रो. वेंकटेश सिंह उपस्थित थे। प्रत्येक कार्यक्रम में, शीर्ष तीन कलाकारों को कुलसचिव प्रो. एन. के. राणा ने पुरस्कार प्रदान किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान गायन के साथ हुआ।

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