गया।डॉ. बी. आर अंबेडकर मुक्त विश्वविद्यालय, हैदराबाद के समाजशास्त्र विभाग के प्रमुख प्रो. पी. वेंकट रमना ने ‘भारतीय समाजशास्त्र और सामाजिक कार्य में समकालीन विकास’ विषय पर दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के समाजशास्त्रीय अध्ययन विभाग में अतिथि व्याख्यान दिया | प्रो. रमना ने भारत में शैक्षणिक और व्यावसायिक विकास दोनों पर ध्यान केंद्रित करते हुए इस विषय पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों की आवश्यकता पर ज़ोर देते हुए इससे जुड़े शैक्षणिक शिक्षण, स्वास्थ्य और शिक्षा, महिला और बाल, बुजुर्ग, सुधार प्रशासन, मानव संसाधन प्रबंधन, सामुदायिक विकास आदि पहलुओं को भी साझा किया |
इंटरैक्टिव सत्र के दौरान प्रो. रमना ने मुक्त विश्वविद्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला | मुक्त विश्वविद्यालय उन लोगों के लिए शिक्षा सुलभ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जो एक साथ “सीखना और कमाना” चाहते हैं। उन्होंने विस्तार से बताया कि कैसे मुक्त विश्वविद्यालय सस्ती लागत पर उच्च गुणवत्ता वाली अध्ययन सामग्री प्रदान करते हैं, जिससे समाज के व्यापक वर्ग के लिए शिक्षा समावेशी बनती है। प्रो. रमना ने दावा किया कि समाजशास्त्र बहुत लोकप्रिय विषय है, और यह भी कहा कि उनका मुक्त विश्वविद्यालय समाजशास्त्र के विषय में प्रतिवर्ष लगभग 3,000 स्नातकोत्तर और 2,000 स्नातक डिग्री धारकों का उत्पादन करता है, जो पूरे भारत में राष्ट्र के कल्याण और विकास कार्यबल में महत्वपूर्ण योगदान देता है। प्रो. रमना ने विभाग में एकत्रित छात्रों को आकर्षक और व्यावहारिक तरीके से संबोधित किया तथा लचीले शिक्षण विकल्पों के महत्व पर चर्चा की और बताया कि कैसे खुली शिक्षा किसी भी समय और किसी भी आयु वर्ग के विविध पृष्ठभूमि के व्यक्तियों को व्यक्तिगत और व्यावसायिक जिम्मेदारियों का प्रबंधन करते हुए अकादमिक उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए सशक्त बना सकती है।
इससे पहले कार्यक्रम के औपचारिक शुभारंभ के बाद प्रो रमना का समाजशास्त्रीय अध्ययन विभाग के अध्यक्ष प्रो एम विजय कुमार शर्मा और अन्य संकाय सदस्यों प्रो अनिल कुमार झा, डॉ समापिका महापात्रा, डॉ जितेंद्र राम, डॉ हरेश नारायण पांडेय, डॉ पारिजात प्रधान और डॉ आदित्य मोहंती ने स्वागत किया |सत्र के बाद प्रश्नकाल सत्र भी हुआ और छात्रों ने इस अवसर का सक्रिय रूप से लाभ उठाया तथा कई प्रश्न पूछे और वक्ता ने उनका संतोषजनक उत्तर दिया। अकादमिक बातचीत सत्र का समापन विभाग की ओर से प्रो. अनिल कुमार सिंह झा के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।