एनईपी 2020 का उद्देश्य कौशल विकास, आलोचनात्मक सोच और रचनात्मकता पर केंद्रित शिक्षा, प्रो. अखिलेश कुमार सिंह

सीयूएसबी में आयोजित आठ-दिवसीय एनईपी 2020 अभिमुखीकरण और संवेदीकरण कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न

गया।दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के आर्थिक अध्ययन एवं नीति विभाग द्वारा मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र के सहयोग से “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020” पर आधारित अभिमुखीकरण और संवेदीकरण आठ-दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हो गया । कार्यक्रम का आयोजन एमएमटीटीसी सीयूएसबी, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में किया गया था। कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह के संरक्षण में आयोजित कार्यक्रम में देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों (एचईआई) के विभिन्न राज्यों से 80 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।

समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. अखिलेश कुमार सिंह, कुलपति, प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) विश्वविद्यालय, प्रयागराज ने मुख्य भाषण दिया। उन्होंने सीयूएसबी के एमएमटीटीसी को सफल आयोजन के लिए बधाई देते हुए शिक्षकों को अपने शिक्षण प्रथाओं में एनईपी 2020 के सिद्धांतों को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। प्रो. सिंह ने आगे विस्तार से बताया कि कैसे एनईपी 2020 का उद्देश्य कौशल विकास, आलोचनात्मक सोच और रचनात्मकता पर ध्यान केंद्रित करके शिक्षा में एक आदर्श बदलाव लाना है। प्रो. सिंह ने एनईपी 2020 को लागू करने में शामिल चुनौतियों पर चर्चा करते हुए कहा कि इस नीति में आम लोगों के जीवन को बेहतर बनाने और एक स्थायी समाज बनाने के लिए आवश्यक सभी तत्व शामिल हैं। यह स्थिरता चार प्रमुख सिद्धांतों पर बनी है जो क्रमशः हैं सभी प्रकार के जीवन का सम्मान करना, जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना, प्राकृतिक संसाधनों की कमी को कम करना और पर्यावरण की रक्षा के लिए व्यक्तियों को सशक्त बनाना।

अध्यक्षीय सम्बोधन में सीयूएसबी के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह ने एनईपी 2020 के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता और अधिक समावेशी, नवीन और छात्र-केंद्रित शैक्षिक वातावरण बनाने के इसके दृष्टिकोण को सुदृढ़ किया। उन्होंने एनईपी के मार्गदर्शक सिद्धांतों के तहत भारत में शिक्षा के भविष्य के बारे में भी आशा व्यक्त की।

इससे पहले सीयूएसबी के आर्थिक अध्ययन विभाग के अध्यक्ष प्रो. कृष्णन चालिल ने स्वागत भाषण में भारत के शैक्षिक परिदृश्य को नया रूप देने में एनईपी 2020 के महत्व पर जोर दिया। इसके पश्चात सीयूएसबी के एमएमटीटीसी के निदेशक डॉ. तरुण कुमार त्यागी द्वारा आठ दिवसीय कार्यक्रम की एक संक्षिप्त रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। डॉ. त्यागी ने कार्यक्रम के दौरान आयोजित महत्वपूर्ण चर्चाओं, कार्यशालाओं और विशेषज्ञ वार्ता पर प्रकाश डाला, जो एनईपी 2020 के सुधारों और कार्यान्वयन रणनीतियों पर केंद्रित थी। कार्यक्रम के प्रतिभागियों को अपनी प्रतिक्रिया साझा करने का अवसर भी दिया गया।

आठ दिवसीय कार्यक्रम में डॉ. आतिश कुमार दाश (सहायक प्राध्यापक, आर्थिक अध्ययन) ने कार्यक्रम समन्वयक के रूप में संचालक (एंकर) की भूमिका कुशलतापूर्वक निभाई। समापन सत्र में कार्यक्रम समन्वयक डॉ. रिकिल चिरमंग (सहायक प्राध्यापक, आर्थिक अध्ययन) के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ। इस अवसर पर प्रो. रवि कांत (डीन एवं अध्यक्ष, स्कूल ऑफ एजुकेशन), विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष एवं डीन, आर्थिक अध्ययन विभाग के संकाय सदस्य क्रमशः प्रो. आर. के. कुंभार, डॉ. अबोध कुमार, डॉ. संजय कुमार, डॉ. आर. के. ओझा, डॉ. फिरदौस फातिमा रिजवी, विभाग के विद्वान, अन्य विभागों के संकाय सदस्य तथा प्रतिभागी उपस्थित थे। सत्र का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ |

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