गया।मिथिला पेंटिंग कला 21वीं सदी में विकसित हो रही है और इसे अग्रणी बनाने के लिए आसरा सेवा केंद्र द्वारा बीपी कोइराला इंडिया- नेपाल फाउंडेशन के सहयोग से लुंबिनी से बोधगया कार्यक्रम के तहत 6 दिवसीय मिथिला पेंटिंग कार्यशाला का शुभारंभ आज से हरिदास सेमिनरी इंटर विद्यालय स्थित किलकारी बिहार भवन में किया जा रहा है। जिसमें देश-विदेश के प्रतिष्ठित ख्याति प्राप्त कलाकारों द्वारा भगवान बुद्ध के जन्म से लेकर ज्ञान प्राप्ति तक के जुड़े महत्वपूर्ण प्रसंगों को चित्र के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा। यह बातें आयोजित प्रेस वार्ता में प्रमंडल कार्यक्रम समन्वयक राजीव रंजन श्रीवास्तव एवं आसरा सेवा केंद्र की संयोजक फिरदौस कौसर ने संयुक्त रूप से कहीं। कार्यक्रम के बारे में उन्होंने बताया कि 6 दिनों तक राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय पुरस्कार से नवाजे गए कलाकारों द्वारा कार्यशाला आयोजित किया जाएगा। जिसका उद्घाटन महाबोधि मंदिर प्रबंधकारिणी समिति की सचिव डॉ महाश्वेता महारथी, विशिष्ट अतिथि के रूप में नेपाल दूतावास नई दिल्ली के प्रथम सचिव विजय राज तेंदूकर, बिहार संग्रहालय पटना के अपर निदेशक अशोक कुमार सिन्हा उपस्थित रहेंगे। 6 दिवसीय कार्यक्रम में पदम श्री शांति देवी, पदम श्री दुलारी देवी, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता विभा लाल, अवधेश कुमार कर्ण, अंबिका देवी, हेमा देवी, श्रवण पासवान, भगवान ठाकुर, नलिनी शाह एवं राकेश पासवान मधुबनी पेंटिंग का चित्रण प्रस्तुत करेंगे।