Friday, March 21, 2025
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परिवारवाद से उबर नहीं पाया एनडीए और इंडिया गठबंधन, पुत्र व बहु बने उम्मीदवार

गया।बिहार की राजनीति में परिवारवाद और जातिवाद से उबर पाना मुश्किल होता नजर आता है। बात जब चुनाव की आती है तो राजनीतिक दल इन दो बातों का पूरा पूरा ख्याल रखना बेहतर समझता है। बिहार के चार में से दो विधानसभा चुनाव क्षेत्र गया जिले के बेलागंज और इमामगंज सीट पर राष्ट्रीय जनता दल और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा(सेक्युलर) ने अपने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इस दोनों विधानसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव में जहां राजद ने विश्वनाथ यादव को बेलागंज से उम्मीदवार घोषित किया है तो दूसरी ओर हम(से) दीपा मांझी को अपना उम्मीदवार बनाया है। हम पार्टी ने इमामगंज सीट पर उम्मीदवार तय करते हुए केन्द्रीय मंत्री जीतन राम माँझी ने दिया दीपा मांझी को सिंबल दिया है। बता दें कि
दीपा माँझी हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार सरकार के मंत्री संतोष कुमार सुमन की पत्नी हैं। वहीं राष्ट्रीय जनता दल से उम्मीदवार घोषित किए गए विश्वनाथ यादव जहानाबाद के सांसद डॉ सुरेंद्र प्रसाद यादव के पुत्र हैं। जिनके उम्मीदवार बनाने की चर्चा उसी वक्त शुरू हो गई थी जब से श्री यादव सांसद चुने जाने के बाद विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था।
हालांकि इस सीट से पूर्व जिप अध्यक्ष स्व. बिन्दी यादव के पुत्र रॉकी यादव के चुनाव लड़ने की चर्चा भी उसी समय से शुरू हो गई थी, जब यह सीट खाली हो गया था। देखा जाए तो जदयू ने रॉकी यादव को टिकट न देकर इनकी मां मनोरमा देवी को अपना उम्मीदवार बनाया है तो यहां भी जदयू परिवारवाद से नहीं उबर सका। जबकि इमामगंज विधानसभा क्षेत्र से राजद ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी को टिकट नहीं देकर रौशन मांझी को अपना उम्मीदवार बनाया है।
वहीं इन सबके बीच जनसुराज के सर्वमान्य नेता प्रशांत किशोर ने इन दोनों जगहों से अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। बेलागंज से मुस्लिम समुदाय से आने वाले एक सेवानिवृत्त प्रोफेसर ख़िलाफ़त हुसैन को जहां अपना उम्मीदवार बनाया है तो तो इमामगंज सीट पर एक चिकित्सक डॉ सतेन्द्र को अपना उम्मीदवार घोषित कर राजनीति में एक अलग संदेश देने की कोशिश की है।
एनडीए और इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों के घोषणा के बाद दोनों विधानसभा चुनाव क्षेत्र में राजनीतिक सरगर्मी और तेज हो गई है। वहीं जनसुराज के इस उपचुनाव में भागीदारी एक नए संघर्ष को जन्म दिया है। जबकि देखा जाए तो बिहार में अगले साल बिहार विधानसभा का चुनाव होना है तो यह उपचुनाव एक प्री-टेस्ट होगा।

गया से देवब्रत मंडल प्यारा बिहार

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