गया।लक्ष्य हमारा बनने का है,देखो विकसित राष्ट्र, नशा कर रहे युवा हमारे कैसे होगा विकास” ? दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के छात्रों ने एक नुक्कड़ नाटक करते हुए समाज और देश को यह संदेश दिया। यह नुक्कड़ नाटक नई दिल्ली स्थित विकासशील देशों की अनुसंधान एवं सूचना प्रणाली (आरआईएस) के तत्वाधान में तैयार की गई है। ‘कैंपस फॉर कम्युनिटी’ मुहीम के तहत आयोजित इस नाटक को कुलपति प्रो. कामेश्वरनाथ सिंह ने सराहा | उन्होंने कार्यक्रम के संयोजक डॉ. सुजीत कुमार एवं छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि इस नुक्कड़ नाटक से पर्यावरण की सुरक्षा की जरूरत को बड़े ही मनोरंजक रूप में दिखाया गया। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि मीडिया विभाग इस नाटक को लेकर आसपास के गांवों में जाकर कैंपस-कम्युनिटी संवाद को और भी अधिक मजबूत करेगा।
जन सम्पर्क पदाधिकारी (पीआरओ) मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि आरआईएस के विश्वविद्यालय संयोजक प्रो. राकेश सिंह ने शोध छात्रों की इस प्रस्तुति को सराहा एवं भविष्य में और भी ऐसे विचारोत्तेजक कार्यक्रम करने की छात्रों से अपील की। इस नुक्कड़ नाटक के जरिए छात्र छात्राओं ने पर्यावरण प्रदूषण एवं जल संरक्षण जैसे बड़े मुद्दों पर लोगों को गंभीर और सजग होने का संदेश दिया। वहीं देश की युवा शक्ति जो आज बड़ी संख्या में नशे की आदी होकर स्वयं को दिन-प्रतिदिन समाप्त कर रही है, उनके लिए यह नाटक एक बड़ा संदेश और गहरी सीख है। विकसित राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी नुक्कड़ नाटक के जरिए प्रकाश डाला गया। मौके पर मौजूद दर्शकों ने तालियां बजाते हुए नाटक की सराहना की।
नुक्कड़ नाटक के बाद मीडिया विभाग के प्रोफेसर डॉ. आतिश पराशर ने परंपरागत मीडिया का विकास संचार में योगदान पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि आजादी के समय देश के क्रांतिकारी वीरों ने नुक्कड़ नाटक जैसे महत्वपूर्ण माध्यमों से भारत के प्रत्येक कोने में आजादी का आह्वान किया और आमजन के हृदय में स्वतंत्रता की भावना को उद्वेलित किया था। इस खास अवसर पर विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. पवन कुमार मिश्रा, मीडिया विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. शिव शंकर, भारतीय भाषा विभाग के विभागाध्यक्ष विपिन कुमार सिंह, मीडिया विभाग के सहायक प्राध्यापक अनिंद्या देव तथा कई अन्य विभागों के शिक्षक एवं छात्र – छात्राएं मौजूद थे।