सीयूएसबी में गणित, सांख्यिकी और कंप्यूटर विज्ञान विषयों में हालिया प्रगति पर आयोजित द्वी-साप्ताहिक अंतःविषय रिफ्रेशर कोर्स सफलतापूर्वक सम्पन्न

गया।दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह के संरक्षण में विश्वविद्यालय में संचालित मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र (एमएमटीटीसी) द्वारा गणित, सांख्यिकी और कंप्यूटर विज्ञान स्कूल (एसएमएससीएस) के सहयोग से आयोजित 15 दिवसीय अंतःविषय रिफ्रेशर कोर्स सफलतापूर्वक सम्पन्न हो गया । जन सम्पर्क पदाधिकारी (पीआरओ) मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि  गणित, सांख्यिकी और कंप्यूटर विज्ञान विषयों में हालिया प्रगति पर ऑनलाइन मोड में आयोजित रिफ्रेशर कोर्स में देश के 20 राज्यों से 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया ।  सीयूएसबी के माननीय कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह ने अपने अध्यक्षीय भाषण में शिक्षा और टीम वर्क के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने विकसित भारत के विजन, 21वीं सदी की आवश्यक जरूरतों और एनईपी 2020 के साथ उच्च शिक्षा संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा की। समग्र विकास पर जोर देते हुए उन्होंने अच्छे व्यक्तित्व, अच्छे नागरिक बनाने और सार्थक जुड़ाव और संपर्क के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में योगदान देने पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने अपने संबोधन में  शिक्षा, नवाचार और सामाजिक विकास के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित किया, जिससे विश्वविद्यालय के भविष्य के प्रयासों के लिए एक मजबूत स्वर स्थापित हुआ।


समापन समारोह में कार्यक्रम की शुरुआत डीन प्रो रौशन कुमार के स्वागत भाषण से हुई। इसके बाद सीयूएसबी के सांख्यिकी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ इंद्रजीत कुमार ने पुनश्चर्या पाठ्यक्रम के 48 सत्रों के इंटरैक्टिव सत्रों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। समापन सत्र के अंतिम दिन एनआईटी जालंधर के निदेशक प्रो. विनोद कुमार कनौजिया ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और भारत@2047 के लिए इसके विजन पर एक प्रभावशाली व्याख्यान दिया, जिसका लक्ष्य वर्ष 2047 तक एक परिवर्तित, समावेशी और विश्व स्तर पर संरेखित शिक्षा प्रणाली बनाना है। उन्होंने समग्र विकास के महत्व पर जोर दिया, शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक आयामों में विकास को बढ़ावा दिया। प्रो. कनौजिया ने रणनीतिक योजना में पूर्वानुमान की भूमिका, स्थानीय नवाचार और उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रयास और विभिन्न उद्योगों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के परिवर्तनकारी प्रभाव पर चर्चा की। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की स्थापना और पारंपरिक और आधुनिक शिक्षा के सम्मिश्रण में मदन मोहन मालवीय के योगदान पर प्रकाश डाला। सत्र के दौरान, डॉ. तरुण कुमार त्यागी, निदेशक, एमएमटीटीसी, सीयूएसबी, गया द्वारा अतिथियों, संसाधन व्यक्तियों, सम्मानित प्रतिभागियों और अन्य संकाय सदस्यों और विभिन्न विभागों के शोध विद्वानों को दिए गए धन्यवाद ज्ञापन के साथ समापन हुआ। कार्यक्रम के दौरान सीयूएसबी के विभिन्न विभागों के संकाय सदस्य और शोध छात्र ऑनलाइन बैठकों में उपस्थित थे।

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