Tuesday, May 13, 2025
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जल जीवन हरियाली के तहत हो रहे कार्यों का जिला अधिकारी ने किया निरीक्षण

गया।राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी जल जीवन हरियाली योजना के तहत गया जिले में बड़े पैमाने पर विभिन्न अवयवों में कार्य किया जा रहे हैं, जिसका परिणाम है कि पहले के तुलना में अब जल संकट काफी कम हुए हैं साथ ही सिंचाई के साधन भी किसानों को बढ़ रहे हैं, जिससे किसान विभिन्न आहर पोखर तालाब से अपने खेत को सिंचित कर रहे हैं। जल जीवन हरियाली के तहत वर्षा जल का संचयन भी बड़े पैमाने पर किया जा रहा है ताकि वर्षा का पानी बर्बाद नहीं हो सके वर्ष का पानी को आहार पोखर तालाब के माध्यम से सिंचित स्टोर एकत्रित रख सके और सालों भर इस पानी से किसान अपनी जरूरत के हिसाब से खेती में प्रयोग कर सके।
इसी कड़ी में शनिवार को जिला पदाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन एसएम गया से सुदूरबारती क्षेत्र गुरारू के डीहा एवं देवकली पंचायत में पहुंचकर जल जीवन हरियाली योजना के तहत विभिन्न अवयवों का निरीक्षण करने लगे ताकि भविष्य में और कैसे अच्छी तरह से लोगों को और अधिक लाभ पहुंचाया जा सके। इस क्षेत्र में लघु जल संसाधन विभाग द्वारा जल जीवन हरियाली योजना के तहत लगभग 5 एकड़ से ऊपर भूमि में बने आहार पोखर तालाब एव पइन का निरीक्षण किया। इस योजना के क्रियान्वयन के पूर्व 60 हे0 का सिंचाई एवं 359270 घन मी० जल का संग्रह हो रहा था। योजना कार्य प्रारम्भ की तिथि 26.06.2023 एवं कार्य समाप्ति की तिथि 25.06.2024 था। कार्य के क्रियान्वयन के पश्चात 640 हे0 सिंचाई क्षमता एवं 849754 घन मी० जल संग्रह की क्षमता बढ़ी है। इस योजना से लगभग 11053 लोग लाभान्वित हो रहे हैं। एवं ग्राउण्ड वाटर रीचार्ज भी हो रहा है। पशु पंक्षी के पानी पीने की सुविधा बढ़ी है तथा वातावरण में सौयम्यता प्रदान हुई है। इस योजना से 600 हैकटेयर अर्थात 1500 एकड़ में सिंचाई के साधन बढ़े हैं और अब सिंचित भी हो रहे हैं। देवकली ग्राम के बानरा, गंगटी, संजय नगर, मिरादपुर, देवकली एवं रसनपुर इत्यादि गांव मुख्य रूप से लाभान्वित हैं। इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में भी पोखर से निकले आउटलेट के माध्यम से अन्य दूरी वाले खेतों को भी सिंचित किया जा रहा है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि पहले की तुलना में सिंचाई के साधन काफी बढ़ गए हैं, पहले इस क्षेत्र की जमीन लगभग वर्षा के आभाव में बंजर रह जाती थी, वर्षा का पानी को एकत्रित करने का कोई साधन नहीं था, परंतु आसपास के पहाड़ी क्षेत्र के वर्षा जल को सिंचित रखने एवं उसे सिंचाई करने के लिए यह आहर पोखर नहर काफी फायदेमंद साबित हो रहा है, जो इस क्षेत्र के सभी किसान इसी आहर के पानी से अपने खेत को सिंचित बना रहे हैं।
इसके पश्चात जिला पदाधिकारी सीधे गुरुआ प्रखंड के बैजू धाम पहुंचकर पोखरी तालाब का निरीक्षण किया। जिला पदाधिकारी ने माननीय विधायक गुरुवा सहित स्थानीय ग्रामीणों के साथ संवाद स्थापित करते हुए विचार विमर्श किया कि जल जीवन हरियाली योजना के तहत इस पोखरी तालाब को और कैसे बेहतर सौंदर्यीकरण कराया जाए, इस पर सभी से राय विचार लिया गया। जिला पदाधिकारी को बताया गया कि इस पोखरी तालाब के चारों ओर पहाड़ से घिरा हुआ है। लगभग एक से डेढ़ एकड़ के बीच तालाब फैला हुआ है। तालाब की गहराई लगभग 10 फिट है, जिसमें वर्तमान समय में 7 फीट पानी उपलब्ध है। छठ पर्व के दौरान एवं सावन माह के दौरान काफी भीड़ यहां श्रद्धालुओं की रहती है। श्रद्धालु बैजनाथ धाम के दर्शन के पश्चात बैजू धाम आते हैं और इसी तालाब के जल से स्नान करते हैं एवं भगवान शिव को जल अर्पित करते हैं। इस तालाब को और अधिक सौंदर्यकरण के लिए तालाब के किनारे प्लांटेशन करने की आवश्यकता को बताया गया साथ ही आकर्षक लाइट चारों तरफ लगवाने की भी बात कही गई। जिला पदाधिकारी ने प्रखंड विकास पदाधिकारी गुरुआ को निर्देश दिया कि आप अपने स्तर से स्थानीय लोगों के साथ विचार विमर्श विस्तृत रूप से करते हुए एक कार्य योजना तैयार करें कि इस क्षेत्र एवं विशेष कर इस तालाब को सौंदरीकरण बनाने के लिए क्या-क्या लोगों की राय या ज़रूरतें हैं, ताकि इस आधार पर इस तालाब को और विकसित करवाया जा सके। जिला पदाधिकारी ने बताया कि बैजू धाम पहुंच हेतु रास्ता काफी संकीर्ण है इसे जल्द ही चौड़ीकरण करवाई जाएगी। प्रवेश द्वार और निकास द्वार का भी निर्माण करवाया जाएगा। एक बड़ा पार्क का भी निर्माण हेतु प्रस्ताव तैयार करवाने का निर्देश दिए हैं। जिला पदाधिकारी ने यह भी बताया कि इस क्षेत्र में ट्यूबेल टंकी पेवर ब्लॉक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम हेतु मंच का निर्माण भी करवाया जाएगा। साथ ही छठ घाट का निर्माण भी करवाया जाएगा। आने वाले तीन से चार महीना में इस क्षेत्र का विकास निश्चित तौर पर इस क्षेत्र के लोगों को दिखने लगेगा।
निरीक्षण के क्रम में उप विकास आयुक्त प्रखंड विकास पदाधिकारी अंचल अधिकारी सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

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