Friday, May 23, 2025
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अपनी हर असफलता से सीख लेते हुए चुनौती का सामना करना चाहिए:प्राचार्य

केंद्रीय विद्यालय संख्या-1 में 52 वीं संभाग स्तरीय दो दिवसीय राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी संपन्न

गया।केंद्रीय विद्यालय संगठन, पटना संभाग के तत्वावधान में 52 वीं संभाग स्तरीय “राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी” का आयोजन दिनांक 6-7 दिसंबर 2024 को पीएमश्री केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 1 गया में भव्य रूप से किया गया। इस कार्यक्रम में पटना संभाग के विभिन्न 54 केंद्रीय विद्यालयों के लगभग 300 छात्रों ने भाग लिया और अपनी विज्ञान परियोजनाओं का प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मनीष कुमार प्रभात, सहायक आयुक्त, पटना संभाग थे। उनका हरित स्वागत विद्यालय के प्राचार्य अशोक कुमार गुप्ता द्वारा किया गया तथा शॉल और स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया। उद्घाटन समारोह की शुरुआत स्वागत गीत से हुई, जिसे विद्यालय के छात्राओं ने प्रस्तुत किया। इसके बाद बिहारी लोक नृत्य झिझिया की शानदार प्रस्तुति ने उपस्थित जनसमूह को बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर से परिचित कराया।
इस प्रदर्शनी में 7 विभिन्न विषयों पर विज्ञान मॉडलों का प्रदर्शन किया गया। छात्रों ने अपने रचनात्मक विचारों को प्रदर्शित करते हुए पर्यावरण, ऊर्जा, तकनीकी विकास और विज्ञान के अन्य क्षेत्रों में अपने मॉडल्स प्रस्तुत किए। प्रदर्शनी का उद्देश्य छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करना था।
निर्णायक मंडल के सदस्य अनिल कुमार पीजीटी बायोलॉजी केंद्रीय विद्यालय मुजफ्फरपुर ,द्वितीय पाली एवं बीरेंद्र कुमार प्रोफेसर, रसायन विभाग, गया कॉलेज ने भी अपने अमूल्य विचार अभिव्यक्त किए।
पुरस्कार वितरण समारोह में 7 विभिन्न विषयों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र और ट्रॉफी प्रदान कर उनका उत्साहवर्धन किया गया।
मुख्य अतिथि महोदय ने अपने संबोधन में  विद्यालय में हुए इस आयोजन की शानदार सफलता पर शुभकामनाएँ दी और कहा कि इस अवसर के  माध्यम से छात्रों तथा इससे जुड़े  सभी लोगों ने  बहुत कुछ सीखा। उन्होंने विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में छात्रों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताएं बच्चों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।
प्राचार्य ने अपने संबोधन में छात्रों और शिक्षकों के प्रयासों की प्रशंसा की तथा छात्रों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि जीवन में संघर्ष कितना भी बड़ा क्यों ना हो हमें हार नहीं माननी चाहिए और अपनी हर असफलता से सीख लेते हुए चुनौती का सामना करना चाहिए। साथ ही उन्होंने डेल्हा थानाध्यक्ष देव राज इंद्र की सक्रिय योगदान की सराहना की। एस्कॉर्ट शिक्षकों और छात्रों ने अपने अनुभव साझा किए और प्रदर्शनी की सराहना की। अंत में धन्यवाद ज्ञापन उप प्राचार्य हरि सिंह मीणा द्वारा प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
यह प्रदर्शनी विज्ञान और नवाचार के प्रति छात्रों के उत्साह और उनकी रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने में मील का पत्थर साबित हुई।

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