गया। शहर के चौक स्थित इंदिरा गांधी प्रतिमा स्थल प्रांगण में अद्वितीय एवं अद्भुत बलिदानी, आतंक,अत्याचार के घोर विरोधी,खालसा पंथ के संस्थापक गुरु गोविंद सिंह की जयंती प्रकाश पर्व के रूप में मनाई गई।
सर्वप्रथम गुरु गोविंद सिंह के चित्र पर माल्यार्पण के पाश्चात्य उनके व्यक्तित्व, कृतित्व एवं प्रसिद्धि पर विस्तृत चर्चा की गई।
कार्यक्रम में शामिल बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू, सरदार कृपाल सिंह, पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, राम प्रमोद सिंह, टिंकू गिरी, लाडला अंसारी, दामोदर गोस्वामी, प्रद्युम्न दुबे ,विपिन बिहारी सिन्हा, शिव कुमार चौरसिया, श्रीकांत शर्मा, युवा कॉंग्रेस अध्यक्ष विशाल कुमार, मोहम्मद समद आदि ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह विश्व के इतिहास में अद्वितीय एवं अद्भुत बलिदानी थे जिन्होंने ने देश सेवा में पिता,चारो पुत्रों,अपनी माता जी एवं स्वंय का बलिदान दिया,जिसका समकक्ष उदाहरण इतिहास के किसी पन्ने में ढूंढ़ने से नहीं मिलता, वे आजीवन अन्याय एवं अत्याचार से जुझने में सर्वस्व बलिदान कर दिया और कभी भी हार नहीं मानी।
नेताओ ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह का जन्म बिहार के पटना साहिब में हुआ था, जिन्होंने 1699 में बैसाखी के दिन खालसा पंथ की स्थापना की थी।
गुरु गोविंद सिंह की शिक्षाएं अनमोल है,जैसे अन्याय, अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाना,सभी मनुष्यों को समान समझना और जातिवाद का विरोध करना,अपना जीवन दुसरों के सेवा और मानवता के लिए समर्पित करना,संत सिपाही का आदर्श प्रस्तुत करना जिसने आध्यात्मिक एवं शारीरिक शक्ति दोनों का संतुलन हो, मानवता,बलिदान और साहस से सच्चाई और धर्म का मार्ग अपनाना और लोगों को सही दिशा दिखाना।