Friday, May 23, 2025
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एसएफसी बना भ्रष्टाचार का अड्डा, मिलर संघ ने खोला मोर्चा

एक लॉट चावल जमा करने में 12 हजार रुपए तक होती है अवैध वसूली


गया। गया जिले में सीएमआर की चावल जमा करने में गड़बड़झाला का आरोप लगाते हुए मिलर संघ के द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का निर्णय लिया है।मिलर संघ के अध्यक्ष अजय कुमार एवं अन्य मिलर ने बताया कि जिले में सीएमआर केंद्रों पर कार्यरत सहायक प्रबंधक और गुणवत्ता नियंत्रक के द्वारा मानक के अनुरूप चावल लिए जाने पर भी चावल जमा लिए जाने में आनाकानी की जा रही है।इसी बात को लेकर मिलर संघ ने मंगलवार को बाजार समिति में स्थित गोदाम में मोर्चा खोल दिया।
मिलर संघ ने आरोप लगाया कि सीएमआर संग्रहण केंद्रों पर कार्यरत सहायक प्रबंधक और गुणवत्ता नियंत्रक के द्वारा लेवी वसूल की जाती है।प्रति लॉट चावल जमा करने के एवज में 12 हजार रुपए लिया जाता है।इतना ही नहीं 50 किलो 580 ग्राम के बजाय प्रति बोरा में 51 किलोग्राम 300 ग्राम चावल लिया जाता है। सीएमआर गोदाम पर जमकर भ्रष्टाचार कायम है।

पैक्स से लेकर मिलर तक से वसूली होती है,करोड़ो के खेल में शरीक रहते है अधिकारी

जिले के कई पैक्स अध्यक्ष और मिलर से  जानकारी लेने और इसकी सत्यता की जांच करने पर एसएफसी में अवैध वसूली का काला चिट्ठा सामने आया।
   सबसे पहले पैक्स अध्यक्ष के द्वारा किसानों से धान की खरीद की जाती है।जिसमें प्रति क्विंटल 4 से 5 किलोग्राम अधिक धान किसानों से खरीद किया जाता है। अधिक धान लिए जाने का कारण नमी बताया जाता है।अब पैक्स अध्यक्ष धान को मिलर के पास जमा करते है।अब मिलर भी उसी धान में नमी बता कर 5 किलो से लेकर 11 किलो प्रति क्विंटल अधिक धान पैक्स अध्यक्ष से लेते हैं।भ्रष्टाचार यही खत्म नहीं होता है अब सीएमआर संग्रहण केंद्रों पर तैनात सहायक प्रबंधक का असली खेल शुरू होता है। पैक्स अध्यक्ष के बजाय मिलर ही चावल जमा करने का ठीका ले लेते हैं।मिलर के द्वारा एक बोरा का वजन 50 किलो और बोरा के एवज में 580 ग्राम जमा करने का नियम है।लेकिन इसके बदले सहायक प्रबंधक 51.200 किलोग्राम अधिक चावल लेते हैं।एक लॉट यानी 290 क्विंटल चावल जमा करने में लगभग साढ़े 3 क्विंटल अधिक चावल मिलर को जमा करना होता है।इतना ही नहीं मिलर से बोरा ढुलाई के नाम पर 12 हजार वसूली होती है।जो मिलर पैसा देने में मना करते हैं।उनका ट्रक कई दिनों तक गोदाम कैंपस में खड़ा रहता है।सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार बाजार समिति में स्थित गोदाम में होता है।

पैक्स अध्यक्ष के साथ होता है दुर्भावना पूर्ण व्यवहार –
पैक्स अध्यक्ष के साथ शुरू से ही ज्यादती होती है।प्रखंड में तैनात बीसीओ के साथ साथ डीसीओ के द्वारा भी सीसी करने और एडवाइस निकालने के नाम पर 5 हजार और जिला में एक हजार इतना ही नहीं सहायक ऑपरेटर भी 2 हजार रुपए की राशि प्रति लॉट ले लेते हैं।जिले में धान खरीद में पूरी तरह भ्रष्टाचार कायम है। अधिकारी कुंडली मार कर गरीबों को मिलने वाला फायदा अपनी जेब में भर रहे हैं।
जिला प्रबंधक राजीव कुमार सिंह ने बताया कि लगाए गए आरोप के संबंध में मुझे जानकारी नहीं है।हालांकि इस संबंध में गोदाम प्रबंधक और गुणवत्ता नियंत्रक को मानक के अनुरूप बोरा का वजन और सिर्फ मजदूरी लेने का ही निर्देश दिया गया है।अगर जांच के बाद कोई आरोप प्रमाणित होगा तो संबंधित कर्मियों के खिलाफ उचित कारवाई की जाएगी।

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