Wednesday, February 5, 2025
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गया बार एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिवक्ता भीम सिंह ने स्वयं को निर्वाचन पदाधिकारी के पद से दिया इस्तीफा, जानें क्यों

गया।पिछले दिनों गया बार एसोसिएशन की हंगामेदार बैठक में वरिष्ठ अधिवक्ता भीम सिंह को  निर्वाचन पदाधिकारी पद के लिए चयनित कर लिए जाने की घोषणा हुई थी। अधिवक्ताओं के एक धड़े ने श्री सिंह को निर्वाचन पदाधिकारी के पद पर चयन को लेकर कड़ा ऐतराज जताया था। अब इस कहानी में एक नया मोड़ आ गया है। अधिवक्ता भीम सिंह ने स्वयं को आरओ यानी रिटर्निंग अधिकारी के पद से अलग कर लिया है।

*इस्तीफे के पीछे की वजह यह बताया गया*

श्री सिंह ने बार एसोसिएशन के अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में कहा है कि “ओल्ड एज” एवं अन्य कारणों से वे इलेक्शन को कंडक्ट नहीं करा सकते हैं। इसलिए निर्वाचन अधिकारी के पद से इस्तीफा दे रहा हूं।

*जीबीए के अध्यक्ष ने आरओ के इस्तीफे को दी मंजूरी*

गया बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ओमप्रकाश ने भीम सिंह के इस्तीफे को स्वीकृति प्रदान कर दी है। श्री सिंह ने अपना इस्तीफा बुधवार को ही सौंपा और अध्यक्ष ओमप्रकाश ने उनके इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है। इसके बाद कई अधिवक्ताओं की अपनी अपनी प्रतिक्रियाएं भी सामने आई है।

*अधिवक्ता भीम सिंह को आरओ चयनित किए जाने पर हुआ था विरोध*

17 जनवरी को हुई जीबीए की बैठक को अधिवक्ताओं के एक गुट ने वरिष्ठ अधिवक्ता भीम सिंह को निर्वाचन अधिकारी घोषित किए जाने पर कड़ा ऐतराज जताया था। बैठक में ही जबरदस्त हंगामा भी हुआ था। इस गुट के अधिवक्ताओं ने पिछले दिनों एक प्रेस कांफ्रेंस कर वर्तमान कमेटी के कार्यकलापों का जमकर विरोध करते हुए श्री सिंह को आरओ के पद से हटाने की मांग की थी।

*23 जनवरी से अनिश्चितकालीन धरना देने की घोषणा*

यहां तक कि इसके विरोध में 23 जनवरी से अधिवक्ता रतन सिंह के साथ कई अधिवक्ताओं ने अनिश्चितकालीन धरना देने की घोषणा की जा चुकी है। इस गुट के लोगों ने अधिवक्ता रतन सिंह को आगामी चुनाव के लिए रिटर्निंग अधिकारी बनाने की मांग रखी है। अब देखना होगा कि भीम सिंह के इस्तीफे के बाद अनिश्चितकालीन धरना का कार्यक्रम रद्द किया जाता है या नहीं।

*आठ साल बाद होने जा रहा है चुनाव, गतिरोध जारी*

गया बार एसोसिएशन का चुनाव पिछले आठ सालों से नहीं हो पा रहा था। इस बार चुनाव की घोषणा कर दिए जाने के बाद से गतिरोध जारी है। अब ऐसे में चुनाव की तारीख जैसे जैसे नजदीक आ रहा है तो चुनाव को लेकर अधिवक्ताओं द्वारा तरह तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त की जा रही है। आरओ के निर्वाचन को लेकर लोकतांत्रिक तरीके से बैलेट पेपर के जरिए चयन की भी मांग की गई है।

*अब नए सिरे से आरओ के चयन के लिए उठने लगी मांग*

इस्तीफे के बाद अब एक बार फिर नए सिरे से आरओ के चयन की मांग उठने लगी है। अब देखना होगा कि नए आरओ के चयन को लेकर जीबीए की फिर से बैठक बुलाई जाती है या 17 जनवरी को एक गुट द्वारा रतन सिंह को आरओ बनाए रखने की मांग की जाती है।

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