मानपुर।जगजीवन कॉलेज के अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. डा. दीनानाथ सेवानिवृत हुए। जगजीवन कालेज ने डा. फागुनी राम सभागार में एक भव्य विदाई समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें महाविद्यालय के तमाम प्राध्यापक सहित उनके चाहने वाले मित्रों, छात्रों की भरपूर उपस्थिति रही। डा.दीनानाथ सन 1989 ई. में जगजीवन कालेज में कार्यभार ग्रहण किया था और तब से वह जगजीवन कालेज में ही सेवारत थे। कुल 36 वर्षों की दीर्घ सेवा अवधि के दौरान उन्होंने विद्यार्थियों के बीच रहकर लोकप्रियता हासिल की एवं उनके द्वारा पढ़ाए गए विद्यार्थियों ने भारत के कोने-कोने में जाकर जगजीवन कालेज का नाम रोशन किया। उनके व्यक्तित्व में सहजता, सौम्यता एवं निर्भीकता की तारीफ की जाती रही है।
कालेज के प्राचार्य डा.सत्येंद्र प्रजापति ने कहा कि डा.दीनानाथ के सेवा निवृत होने से मुझे व्यक्तिगत तौर पर नुकसान हुआ है। उनके होने से ही महाविद्यालय में रौनक बनी रहती थी। चेंबर में उनकी उपस्थिति से आसपास का वातावरण स्वयं ही संतुलित रहता था। डा. मो. अय्यूब ने उनके व्यवहारों को लेकर कहा कि वह बेहद ही शानदार एवं कुशल शिक्षक के रूप में जाने जाते रहे हैं। डा. श्वेता पांडे ने कहा कि डा. दीनानाथ में अन्य खूबियों के साथ-साथ उनके व्यक्तित्व को जो पहलू एक नया आयाम प्रदान करता है। डा श्याम देव पासवान ने कहा कि डा.दीनानाथ उनके गुरु रहे हैं। उनसे उन्होंने पढ़ाई की है और उनके द्वारा पढ़ाए गए हम जैसे छात्र आज इस मुकाम पर पहुंच गए हैं कि न केवल प्रोफेसर बल्कि अन्य दूसरे व्यवसाय में भी उन्नति कर रहे हैं। उनकी सेवानिवृत्ति मेरे लिए एक शून्यता का एहसास करवा रहा है। डा.आचार्य शंकर ने कहा कि डा. दीनानाथ में बेहतर प्रशासकीय क्षमता रही है। किसी भी मसले को हल करना उनकी कुशल नेतृत्व क्षमता से सुगम हो जाता था। मंच संचालन कर रहे हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डा. प्रदीप कुमार ने कहा कि डा. दीनानाथ न केवल व्यक्तित्व के धनी हैं, बल्कि कुशल वक्ता भी हैं। वह एक ऐसे विद्वान व्यक्ति के रूप में गया शहर में जाने-माने जाते हैं। उनके होने मात्र से ही आसपास का वातावरण विद्वत्ता से आलोकित होता रहता है। इस अवसर पर डा.ओम प्रकाश राम, डा. अनुरानी, डा. मनीष कुमार सिंह, डा. सुनील कुमार,डा. संगीता कुमारी, डा. प्रियंका सिन्हा, डा. एजाज असलम, डा. पूनम कुमारी, डा. धर्मेंद्र उपस्थित रहे। धन्यवाद ज्ञापन डा. पंकज कुमार ने किया।