गया।दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय के भारतीय भाषा विभाग द्वारा प्रसिद्ध हिन्दी साहित्यकार मोहनलाल महतो ‘वियोगी’ की पुण्यतिथि पर एक शब्दांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय भाषा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो सुरेश चन्द्र ने की। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में वियोगी साहित्य परिषद्, के कोषाध्यक्ष डॉ सुदर्शन शर्मा,गया जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन के पूर्व सभापति डॉ राम कृष्ण तथा वियोगी साहित्य परिषद् के अध्यक्ष डॉ सच्चिदानंद प्रेमी उपस्थित थे।
अपने अध्क्ष्यीय वक्तव्य में प्रो सुरेश चन्द्र ने कहा कि मोहनलाल महतो ‘वियोगी’ का विभिन्न विधाओं में रचित साहित्य मानव जाति के लिये विशिष्ट साहित्यिक निधि है। शोधार्थियों और आलोचकों को उनके साहित्य पर ध्यान केन्द्रित करते हुए तटस्थ मूल्यांकन करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम का आरंभ वियोगी जी के चित्र माल्यार्पण के साथ हुआ। अतिथि वक्ताओं ने वियोगी जी के समृद्ध साहित्य संसार पर प्रकाश डाला तथा वियोगी जी से जुड़े संस्मरणों को भी साझा किया। इसके साथ ही यह भी अफसोस जताया कि हिन्दी साहित्य के इतने बड़े हस्ताक्षर को खुद हिन्दी समाज के लोग भूलते जा रहे हैं। उनके अपने जन्म स्थान में लोग उनसे अपरिचित हैं। भारतीय भाषा विभाग के स्नातकोत्तर के छात्र निखिल कुमार ने भी अपना वक्तव्य दिया। इस अवसर पर विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. कफील अहमद नसीम तथा शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक डॉ शान्ति भूषण एवं धन्यवाद ज्ञापन शोधार्थी सुमित कुमार हलदर ने किया।