इमामगंज। पुलिस गुंडे के भेष में आम लोगों पर निकाल रही है पिस्टल। इमामगंज थाना के एसआई का हवा में पिस्टल लहराते सोशल मीडिया पर वीडियो हो रहा है वायरल। जनता गया एसएसपी महोदय से पूछ रही है की इन्हें पुलिस की ड्यूटी करने के लिए वर्दी दी गई है। सरकारी वाहन दी गई है। तो गांव में बिना वर्दी और पर्सनल बाइक से क्यों जाते हैं। इसके मतलब चोर की दाढ़ी में तिनका है। ग्रामीणों का आरोप है कि सिविल में आकर आम नागरिक को उठाकर पिस्टल का भय दिखाकर रुपया वसूलने का खेल चल रहा है। वहिं ग्रामीण जनता ने यह भी आरोप लगाया कि ट्रैक्टर मालिकों को थाना से कॉल कर के केस में फसाने की धमकी दी जाती है। ट्रैक्टर के लेबर ड्राइवर को थाना लेजाकर रुपये की मांग की जाती है। जब रुपया मिल जाता है तो छोड़ दिया जाता है।ग्रामीणों ने रविवार की घटना बताया कि सुबह करीब 9 से 10 बजे के बीच चपरि गांव के एक ट्रैक्टर के लेबर अंकित उर्फ रणजीत भारती को दो बाइक से पुलिस के लोग आए उसे बाइक पर बैठाकर लेकर थाना चले गए। जो इमामगंज थाना में एक आवेदन लिखवाया की शक के आधार पर लाए थे। जिसे छोड़ दे रहे हैं। जबकि वे ट्रैक्टर का ड्राइवर था। जिसे रुपया लेकर छोड़ा गया है। इसी तरह अन्य रेकॉर्ड भी है। जो इमामगंज थाना परिसर में लगे सीसीटीवी गवाही दे रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस भी साक्ष्य पर काम करती है तो पब्लिक के पास पुलिस का भी साक्ष्य है। दोषी पुलिस को गया एसएसपी साहब से सस्पेंड करने की मांग कर रहे हैं। नहीं तो साक्ष्य को माननीय न्यायालय में पेश करने की बात कह रहे हैं। जब जनता से पड़ताल करने की कोशिश किया कि आख़िर पुलिस गुंडे का भेष में गांव में क्यों आकर ग्रामीणों के साथ दुर्व्यवहार कर रही है। तो ग्रामीणों ने बताया कि चपरि गांव से वाया शमसाबाद होते हुए स्टेट हाइवे 69 गंगटी तक सड़क बन रही है। जिसमें संवेदक टेंडर से बालू न खरीदकर स्थानीय सोरहर नदी से बालू उठाकर सड़क का निर्माण करा दिया है। इसी दौरान ट्रेक्टर मालिकों के घर पर सिविल में जाकर पुलिस गाली-गलौज करती थी। यह करीब लगातार एक हफ्ते से पुलिस ऐसा काम कर रही थी। जो कुछ लोगों को पकड़ ले गई। बाद में पैसा लेकर छोड़ दी। वहिं गुरुवार की सुबह फिर से पुलिस इसी लालच में पहुंची तो एक ट्रेक्टर गांव में ही सीमेंट गिराकर जा रही थी। तभी बुल्लेट बाइक से सिविल में आए पुलिस वालों ने ट्रैक्टर को खदेड़ना शुरू कर दिया। जब ग्रामीण जुटे तो एसआई पिस्टल निकालकर ग्रामीणों के साथ गाली गलौज करने लगा। और खुद को बचाने के लिए कहने लगा की हमसे ट्रैक्टर छीनकर भाग रहे हैं। और एक पुलिस वाला वीडियो बनाने लगा ताके बाद में हम यह वीडियो दिखाकर बच सकें। जिसका ग्रामीणों ने भी पिस्टल लहराते हुए वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है। अब ये जांच का विषय है। और अब देखना ये है कि पुलिस के जिम्मेदार आलाकमान इसे किस रूप में लेते हैं।