जेपीएन अस्पताल परिसर में सिविल सर्जन ने किया स्टॉप डायरिया अभियान का शुभारंभ

शिशु का रोटा वायरस और खसरा का टीकाकरण सही समय पर कराना जरूरी: सीएस

सामान्य से ज्यादा पतला मल होना जिसमें पानी की मात्रा अधिक हो कहलाता है दस्त

दस्त से बचाव के लिए ओआरस का घोल पिलायें और 14 दिनों तक दें जिंक टैबलेट

गया। जिला में मंगलवार से स्टॉप डायरिया अभियान 2024 की शुरूआत की गयी। सभी प्रखंडों में स्थित प्राथमिक तथा सामुदायिक एवं अनुमंडलीय अस्पताल में अभियान प्रारंभ किया गया है। यह अभियान 22 सितंबर तक चलेगा। इस क्रम में शहर के जयप्रकाश नारायण अस्पताल परिसर में सिविल सर्जन डॉ रंजन कुमार सिंह ने स्टॉप डायरिया अभियान का शुभारंभ किया। इस मौके पर उनके साथ आइसीडीएस डीपीओ डॉ रश्मि वर्मा, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ राजीव अंबष्ट, यूनिसेफ से संजय कुमार एवं अजय चेरोबिम, पीरामल से अभिनव कुमार, शिक्षा विभाग के अधिकारी तथा अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे।

दस्त की पहचान करना जरूरी:
सिविल सर्जन ने इस मौके पर अस्पताल में बच्चों के ईलाज के लिए उनके साथ आये परिजनों को ओआरएस के पैकेट दिये और इसके इस्तेमाल के तरीकों के बारे में जानकारी दी। सिविल सर्जन ने कहा कि रक्षा, रोकथाम और उपचार के साथ बच्चों को डायरिया से बचाव करना जरूरी है।  सामान्य से ज्यादा बार पतला मल होना, जिसमें पानी की मात्रा अधिक हो, दस्त कहलाता है। दस्त से शरीर में पानी एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। ऐसी स्थिति में तुरंत आशाकर्मी या स्वास्थ्य केंद्र पर एएनएम से संपर्क करें। अभियान के दौरान आशा द्वारा पांच वर्ष तक के बच्चों वाले घरों में ओआरएस का पैकेट नि:शुल्क वितरण किया जायेगा।

बचाव के लिए ओआरएस और जिंक टेबलेट:
सिविल सर्जन ने बताया कि रोटा वायरस के संक्रमण के कारण डायरिया होता है। पांच वर्ष से कम उम्र के शिशुओं की मौत की एक बड़ी वजह डायरिया है। बच्चों को बाहरी दूध पिलाने से बचें। बच्चों को शौच के बाद और खाना खाने से पहले साबुन से हाथ धोने की जानकारी दें तथा इसका पालन करवायें। माताएं खाना बनाने से पहले और शिशु के मल साफ करने के बाद हाथ साबुन से जरूर धोयें। डायरिया से बचाव के लिए माताएं पूरी सफाई का ध्यान रखते हुए शिशुओं को नियमित स्तनपान कराती रहें। कहा कि शिशु को जन्म के छह माह तक मां का दूध पिलायें। छह माह के बाद शिशु को उम्र के अनुसार संपूर्ण पौष्टिक आहार खिलाना है। पांच साल तक हर छह माह पर विटामिन ए की खुराक देनी है। शिशु को रोटा वायरस और खसरा का टीकाकरण सही समय पर कराना है। दस्त हो जाने पर बच्चे को ओआएस का घोल पिलाने के साथ चौदह दिनों तक जिंक की गोली दें। आइसीडीएस डीपीओ ने कहा कि अपने क्षेत्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आशा से समन्वय स्थापित कर लोगों को डायरिया से बचाव के बारे में जानकारी देंगी तथा आंगनबाड़ी सहित घरों पर जाकर ओआरएस पैकेट के वितरण के साथ ही घोल तैयार करने तथा इसे देने के तरीकों के बारे में जानकारी देंगी।

Trending

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here