10 अगस्त से फाइलेरिया बचाव के लिए दवा सेवन अभियान

25 लाख 42 हजार लोग दवा खिलाने के लिए हुए लक्षित


बादशाह खान की रिपोर्ट

नवादा: फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर 10 अगस्त से सर्वजन दवा सेवन अभियान चलाया जायेगा। इस दौरान 25 लाख 42 हजार लोगों को फाइलेरियारोधी दवा सेवन के लिए लक्षित किया गया है। लोगों को दो प्रकार की दवा दी जायेगी जिसमें अल्बेंडाजोल और डीईसी शामिल हैं।   जिला के सभी 14 प्रखंडों में दवा सेवन अभियान चलाया जायेगा। इसकी जानकारी जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आफताब कलीम ने स्वास्थ्य विभाग की सहयोगी संस्था सीफार द्वारा जिला स्वास्थ्य समिति सभागार में आयोजित मीडिया ब्रीफिंग के दौरान ने कही। उन्होंने बताया कि सिविल सर्जन डॉ नीता अग्रवाल द्वारा मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन को लेकर सभी तैयारियों के लिए सामुदायिक तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिए गए हैं।

युवा फाइलेरिया से बचाव जरूर करें:
डॉ आफताब कलीम ने कहा कि सभी लोग फाइलेरिया मुक्त समाज के निर्माण में अपना सकारात्मक योगदान दें। फाइलेरिया का संक्रमण हाथीपांव के रूप यह दिखता है। ऐसा देखा गया है कि कई युवा फाइलेरिया की गिरफ्त में हैं। हाथीपांव एक प्रकार की विकलांगता को जन्म देता है और इससे ग्रसित युवा सही प्रकार से जीविकोपार्जन में असमर्थ होते हैं। आर्थिक उत्पादकता में कमी और सामाजिक अलगाव के शिकार होते हैं। इसलिए युवाओं और बच्चों को फाइलेरियारोधी दवा सेवन अवश्य करनी चाहिए। 10 अगस्त से चलने वाले सर्वजन दवा सेवन अभियान के तहत खुद भी फाइलेरिया रोधी दवा खायें और परिजनों के साथ आस-पड़ोस के लोगों को भी दवा सेवन के लिए प्रेरित करें। दो  वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों द्वारा दवा का सेवन करना है। दो वर्ष से कम, गर्भवती और गंभीर रोग से पीड़ित लोगों को दवा का सेवन नहीं करना है। 

हर स्वस्थ्य व्यक्ति करें दवा का सेवन:
वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी कुमार जय ने बताया कि फाइलेरिया रोधी दवाएं फाइलेरिया बीमारी की नहीं बल्कि बचाव की दवा है। इसे हर स्वस्थ व्यक्ति को खाना चाहिए। स्थानीय आशा कर्मियों या आंगनवाड़ी सेविकाओं द्वारा लोगों को घर-घर पहुँचकर दवा खिलाई जाएगी। स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा उम्र और लंबाई के अनुसार दवाई  खिलायी जायेगी।

पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क का भी मिल रहा सहयोग:
फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत दवा सेवन कराने के लिए फाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क का भी सहयोग मिलेगा। हिसुआ प्रखंड से फाइलेरिया पेशेंट नेटवर्क समूह के सदस्य नवल किशोर सिंह ने बताया कि उन्हें काफी लंबे समय से फाइलेरिया है। हाथीपावं के कारण उनकी जीविकोपार्जन की क्षमता घट गयी। वे लंबे समय तक काम करने या दौड़—भाग करने में असक्षम हो गये। इस हाथीपांव की वजह से वह कई जगहों पर जीविकोपार्जन के लिए नहीं जा सके। वह कहते हैं कि फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के दौरान वह अपने गांव के सभी युवाओं को फाइलेरियारोधी दवा का सेवन कराने के लिए प्रेरित करेंगे। सीफार की जिला समन्वयक शैली सिंह ने बताया कि जिला में गंभीर हाथीपांव मरीजों के लिए विकलांगता सर्टिफिकेट भी बनाया जा रहा है।  मीडिया ब्रीफिंग के दौरान फाइेलेरिया विभाग से कुमार जय, पीरामल से मोहम्मद आरिफ, सीफार से शैली सिंह एवं फाइलेरिया पेशेंट समूह के फाइलेरिया मरीज व अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे।

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