गया जिला के इमामगंज थाना क्षेत्र के गोजरा गांव में 26 सितंबर की रात एक महिला की हत्या के मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के 48 घंटे के अंदर पुलिस ने कांड का सफल खुलासा कर दिया है. इस मामले में दो महिला समेत चार आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है. हत्याकांड के सफल उद्भेदन के बाद डीएसपी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. जिसमें डीएसपी ने घटना से संबंधित जानकारी दी.*27 सितंबर को दर्ज हुई थी प्राथमिकी* डीएसपी अमित कुमार ने बताया कि 27 सितंबर की सुबह में सूचना मिली कि गोजरा गांव में एक महिला की हत्या कर दी गयी है. इस घटना की सूचना मिलते ही अपर थानाध्यक्ष एसआइ रास बिहारी प्रसाद व चंदन कुमार अपने दलबल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे थे और निरीक्षण कर शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज भेज दिया था. उसके बाद कांड की वादी अजय भारती की पत्नी करुणा कुमारी ने अपना फर्द बयान अंकित कराया. उसी के आधार पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज हुई, जिसके आधार पर रमेश भारती, विजय भारती, सेवंती देवी व राजमती देवी को वादिनी की सास प्यारी देवी को डायन बताकर उसकी गला दबाकर हत्या करने के आरोपित बनाया गया.*गिरफ्तारी के लिए गठित की गई थी स्पेशल टीम* डीएसपी ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद एसएसपी आशीष भारती ने कांड में संलिप्त आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए एक विशेष टीम का गठन किया. इसमें थानाध्यक्ष अमित कुमार, एसआइ चंदन कुमार, रास बिहारी प्रसाद व अन्य पुलिस अधिकारियों को शामिल किया गया. उक्त विशेष टीम ने चारों नामजद आरोपितों के घर पर बारी-बारी से छापेमारी कर विधिवत गिरफ्तारी की. इस मामले में गिरफ्तारी के पश्चात आरोपितों ने अपनी-अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है.*सभी ने स्वीकारी अपनी संलिप्तता* डीएसपी ने बताया कि घटना को अंजाम देने का कारण पूछने जाने पर आरोपितों ने बताया कि घटना के 15 दिन पूर्व आरोपित रमेश भारती व विजय भारती के भाई किशन भारती की मृत्यु हो गयी थी. उनकी मृत्यु के लिए नामजद आरोपित प्यारी देवी को दोषी मानने लगे तथा सोचने लगे कि प्यारी देवी डायन है. उसने कुछ जादू-टोना कर दिया है. इससे किशन भारती की मौत हुई है. इसी घटना को लेकर सभी चारों आरोपितों ने प्यारी देवी की हत्या की योजना बनायी.26 सितंबर की रात प्यारी देवी के घर में चहारदीवारी से कूद कर चारों आरोपित प्रवेश कर गये और सभी ने मिलकर प्यारी देवी की हत्या गला दबाकर कर दी. इस कांड के सफल उद्भेदन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वालों में थानाध्यक्ष अमित कुमार, एसआइ चंदन कुमार, एसआइ रास बिहारी प्रसाद, एसआइ प्रदीप गोंड, एसआइ अविनाश कुमार, अशफाक आलम, डायल-112 हवलदार युगल यादव, सिपाही आशीष कुमार व पुष्पा कुमारी शामिल हैं.