सीयूएसबी में एनईपी 2020 पर आधारित फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम सफलतापूर्वक सम्पन्न


गया।दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) में “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 अभिमुखीकरण और संवेदीकरण” विषय पर केंद्रित आठ दिवसीय ऑनलाइन फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम ( शिक्षक विकास कार्यक्रम – एफडीपी) सफलतापूर्वक सम्पन्न हो गया ।  सीयूएसबी के  मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र (एमएमटीटीसी) द्वारा मनोविज्ञान विभाग (सीयूएसबी) के सहयोग से भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा समर्थित यूजीसी मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम (एमएमटी-पीपी) योजना के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया है। जन सम्पर्क पदाधिकारी (पीआरओ) मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि सीयूएसबी के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह की देखरेख में आयोजित इस ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम में देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों (एचईआई) के 60 से अधिक शिक्षक और शोधकर्ता शामिल हुए।

समापन सत्र की अध्यक्षता करते हुए सीयूएसी के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह ने  एमएमटीटीसी तथा मनोविज्ञान विभाग को एनईपी-2020 पर आधारित एफडीपी के सफल आयोजन के लिए बधाई दी | कुलपति महोदय ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि सीयूएसबी ने अपने पाठ्यक्रम में एनईपी-2020 को अपना लिया है और विश्वविद्यालय भारतीय ज्ञान प्रणाली को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है | उन्होंने बताया कि एनईपी-2020 के आधार पर विश्वविद्यालय ने इसी वर्ष 13 पांच वर्षीय एकीकृत यूजी – पीजी (अंडरग्रेजुएट – पोस्टग्रेजुएट) पाठ्यक्रमों की शुरुआत की है जिसके उत्साहवर्धक अनुक्रिया मिली है |

इससे पहले समापन सत्र की शुरुआत विश्वविद्यालय कुलगीत से हुई, जिसके बाद प्रो. रवि कांत, विभागाध्यक्ष शिक्षक शिक्षा विभाग ने स्वागत भाषण देते हुए प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया । इसके पश्चात डॉ तरुण कुमार त्यागी, निदेशक एमएमटीटीसी, सीयूएसबी द्वारा कार्यक्रम की एक संक्षिप्त रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। अंतिम तीन एफडीपी के मुख्य वक्ता भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली के प्रोफेसर कमलेश सिंह ने ‘उच्च शिक्षा संस्थानों में सकारात्मक मानसिक स्वास्थ्य, लचीलापन और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए एकीकृत दृष्टिकोण’ पर अपना व्याख्यान दिया ।  आगे मुख्य अतिथि  प्रोफेसर ब्रजेश कुमार पांडेय, प्रति कुलपति, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), नई दिल्ली ने शिक्षक सशक्तीकरण, ज्ञान के कार्यान्वयन, मातृभाषा के महत्व और नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में ज्ञान प्राप्त करने के तरीके के साथ-साथ विकास पर चर्चा की।  अंत में, सत्र का समापन प्रो. धर्मेंद्र कुमार सिंह, कार्यक्रम समन्वयक और प्रमुख मनोवैज्ञानिक विज्ञान विभाग के संबोधन से हुआ | इस अवसर पर प्रतिभागियों ने पिछले आठ दिनों के अपने विचार और अनुभव साझा किए और वे सभी इस 8 दिवसीय एनईपी 2020 कार्यक्रम से बहुत संतुष्ट थे। अंत में, डॉ चेतना जायसवाल, सहायक प्रोफेसर और कार्यक्रम समन्वयक ने राष्ट्रगान के बाद धन्यवाद प्रस्ताव रखा।

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