पटना।भाकपा–माले बिहार राज्य सचिव कुणाल ने अरवल से पार्टी विधायक कॉमरेड महानंद सिंह की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है. बताया जा रहा है कि 2001 के एक बहुत पुराने मामले में उनकी गिरफ्तारी हुई है.
यह मामला उस वक्त का है, जब 2001 में झारखंड में पार्टी महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य पर बर्बर पुलिसिया जुल्म के खिलाफ पार्टी की ओर से देशव्यापी प्रतिवाद का आह्वान किया गया था. उसी आह्वान के तहत आंदोलन का नेतृत्व करते हुए अरवल में का. महानंद सिंह व हमारे अन्य साथियों के ऊपर फर्जी मुकदमे थोप दिए गए थे.
आज 24 साल बाद उस मामले में उनकी गिरफ्तारी यही बतलाता है कि सबकुछ भाजपा व जदयू के राजनीतिक इशारे पर हो रहा है.
अभी हाल ही में, फुलवारीशरीफ में दो बच्चों को जिंदा जलाकर मार डालने की वीभत्स घटना के खिलाफ प्रतिवाद का नेतृत्व कर रहे हमारे विधायक गोपाल रविदास पर मुकदमा थोप दिया गया है. सत्ता से बाहर होने का डर भाजपा–जदयू को इतना सता रहा है कि वे हमारी पार्टी के विधायकों को गलत तरीके से टारगेट कर रहे हैं. जबकि इसी दौरान सभी जनसंहारी और एक से बढ़कर एक अपराधियों को सरकार ने रिहा किया है.
जेल हो या दमन, भाकपा–माले डरने वाली नहीं है. इस बीस बरसो की आततायी सरकार का समय पूरा हो चुका है
