गया जी के एक गांव की महादलित बेटी स्नेहा कुमारी मांझी शिक्षा की अलख जलाने के लिए संघर्षरत है। मात्र चतुर्थ कक्षा में पढ़ने वाली स्नेहा के घर पर बिजली नहीं है, लेकिन उसकी लगन इतनी प्रबल है कि वह स्ट्रीट लाइट के नीचे पढ़ाई करती है। आर्थिक अभाव में भी वह शिक्षा के प्रति अपना समर्पण नहीं खोती।इस संघर्षशील बेटी की स्थिति से प्रभावित होकर भारतीय जनता पार्टी के लोकप्रिय नेता डॉ. मनीष पंकज मिश्रा स्वयं गांव पहुंचे और स्नेहा के लिए किताब, कॉपी, स्कूल बैग, बैटरी वाली लाइट, और अन्य जरूरी शैक्षणिक सामग्री खाद्य पदार्थ प्रदान की। यही नहीं, उन्होंने स्नेहा के पिता के लिए आवश्यक दवाओं और अन्य जरूरत की चीजों की भी व्यवस्था की। उनका यह मानवीय कार्य समाज में एक सकारात्मक संदेश देता है कि सच्चे नेता वही होते हैं जो ज़मीन से जुड़े हों और जरूरतमंदों के साथ खड़े रहें।
डॉ. मिश्रा ने यह भी आश्वासन दिया कि भविष्य में यदि इस गांव या स्नेहा को किसी भी चीज़ की आवश्यकता होगी, तो वे अवश्य सहायता के लिए उपस्थित रहेंगे। उनका यह समर्पण न केवल एक बच्ची को शिक्षा की ओर प्रोत्साहित करता है, बल्कि पूरे समाज को यह सिखाता है कि बदलाव लाने के लिए एक संवेदनशील हृदय और दृढ़ इच्छाशक्ति ही काफी है।
डॉ. मनीष पंकज मिश्रा का यह कार्य सच्चे जनसेवक की मिसाल है और आने वाले समय में ऐसे प्रयासों से समाज के वंचित वर्ग को शिक्षा के माध्यम से मुख्यधारा से जोड़ा जा सकता है।आज के कार्य कर्म मे राजेन्द्र प्रसाद अधिवक्ता उपस्थित थे