रंजीत पत्रकार को फसाने की साजिश।
शेरघाटी। गुरुआ थाना क्षेत्र के कांड संख्या 329/25 में नया मोड़ सामने आया है। नगवां पंचायत के राजेश कुमार ने थाना में आवेदन देकर आरोप लगाया था कि उनके पिता बद्री मांझी को 12 अगस्त को 5 लीटर देशी शराब के साथ पुलिस ने गिरफ्तार किया और छुड़ाने के एवज में पत्रकार श्रवण कुमार व रंजीत कुमार ने 10 हजार रुपये की मांग की।
लेकिन बद्री मांझी का कहना है कि उन्हें 11 अगस्त की शाम ही गिरफ्तार कर अगले दिन न्यायालय में पेश किया जा चुका था। ऐसे में सवाल उठता है कि जब वे पहले ही जेल भेजे जा चुके थे तो पत्रकार रंजीत कुमार पैसे क्यों मांगते।
इस बीच ग्रामीणों के सामने राजेश ने स्वीकार किया कि रंजीत कुमार को वह जानता तक नहीं, उनका नाम थाना प्रभारी के कहने पर लिखा गया। एक ग्रामीण ने राजेश की यह स्वीकारोक्ति वीडियो में रिकॉर्ड कर ली। जब पत्रकारों ने कैमरे पर वही सच दोहराने को कहा तो राजेश ने थाना प्रभारी को फोन कर बात और गुस्से में पत्रकार को धमकी दी कि उन्हें भी फंसा देंगे।
ग्रामीणों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि थाना प्रभारी के डर से वे खुलकर कुछ नहीं कह पा रहे। आरोप है कि थाना अध्यक्ष सरफराज इमाम पर पत्रकार रंजीत पहले भी बालू उठाव और शराब कारोबार की खबरें चलाने के कारण नाराज थे। रंजीत ने पूर्व में ही डीएसपी और एसएसपी को थाना अध्यक्ष के खिलाफ झूठे मुकदमे की आशंका जताते हुए गुहार लगाई थी।
अब देखना यह होगा कि राजेश द्वारा स्वीकारे गए वीडियो के सामने आने और मामले की सच्चाई उजागर होने के बाद पत्रकार को न्याय मिलता है या नहीं।
शेरघाटी से रंजीत कुमार की रिपोर्ट