गांव में होगी अच्छे विद्यालय तो
समाज भटके बच्चों होंगे शिक्षित, सरकार दे ध्यान
डुमरिया। गया जिले के नक्सल प्रभावित इलाका डुमरिया प्रखंड क्षेत्र के छकरबंधा पंचायत अंतर्गत तारचुआ गांव में खरवार भोक्ता समाज विकास संघ की सम्मेलन रविवार को आयोजित हुई। इस मौके पर मुख्य अतिथि स्थानिक पूर्व मुखिया हरिहर सिंह भोक्ता और पूर्व सरपंच पुणे सिंह भोक्ता सहित अन्य लोगों ने संयुक्त रूप से दीपप्रज्वलित और पिता काट कर किया। इस दौरान वक्ताओं ने लोग को संबोधित करते हुए कहा कि समाज को जगाने की जरूरत है। भोक्ता समाज की संस्कृति मजबूत होने के बावजूद कमजोर पड़ रही है। इसके लिए संगठन को मजबूत करना होगा। समाज में फैली कुरीतियों को दूर कर शिक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा। क्योंकि यह क्षेत्र नक्सल ग्रस्त इलाका है। एक समय था इस क्षेत्र में नक्सलियों के बंदूके गरजने की आवाज और लाल सलाम की गूंज सुनाई दिया करती थी। आज भी कभी-कभार नक्सलियों की बंदूक के गरजने और बम धमाका की आवाज सुनाई देता है। ऐसे में इस क्षेत्र के बच्चों को खासकर अशिक्षित हैं। यहां पर अच्छी शैक्षणिक शिक्षा की व्यवस्था नहीं है। इस गांव में स्कूल है लेकिन अच्छे शिक्षा नहीं है। एका-दुका सरकारी विद्यालय से ही यहां के बच्चे किसी तरह से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इस क्षेत्र में कुछ बदलाव कुछ हुआ है। लेकिन हम लोग सरकार से मांग करते हैं कि ऐसे सुदूरवर्ती व नक्सल प्रभावित इस क्षेत्र के समाज से भटके बच्चों को शिक्षा के अलख जगाकर बच्चों को उज्जवल शिक्षा दे और युवाओं और बच्चियों को शिक्षित बनाकर स्वरोजगार जोड़ें। इसके प्रति सरकार विशेष ध्यान दें इसका हम लोग मांग करते हैं। वही समाज के अतिथियों ने कहां कि हमको अपने बच्चों को शिक्षित और सरल बनाने के लिए समाज के एक-एक व्यक्ति को जागरूक करने की आवश्यकता है। इसके लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। वहीं इस संबंध में भगवती सिंह भोक्ता बताते हैं कि या क्षेत्र वर्षों से उपेक्षित रहा है। यह क्षेत्र नक्सल ग्रस्त एवं सुदूरवर्ती गांव हैं इस गांव में आज भी नक्सलियों की कनक धमक की दहशत रहा करती है। पहले कभी यहां नक्सलियों के बंदूके गरजने की आवाज और लाल सलाम की गंज सुनाई दिया करती थी। और नक्सली में किस समानांतर सरकार का फरमान जारी होता था। आज केंद्र और बिहार सरकार की कई कल्याणकारी उपलब्धि के कारण यहां के लोग कुछ शिक्षित हुए हैं। अब यहां पर पूरे दिन कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। आज भोक्ता समाज के उत्थान को लेकर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इस दौरान मुख्य रूप से समाज की उत्थान के प्रति और बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए बात की गई है। यहां पर शिक्षा की घोर कमी है। यहां पर अच्छी शैक्षणिक व्यवस्था नहीं है। एक या दो सरकारी विद्यालय है लेकिन उसमें नाम मात्र की शिक्षा व्यवस्था है। सरकार लोगों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए कई योजना चला रही हैं। लेकिन यहां पर इनकी कोई योजना धरातल पर नहीं है। अगर सरकार शिक्षा पर विशेष फोकस करें तो यहां की जो बच्चे समाज से भटक कर इधर-उधर चले जाते हैं वह समाज से जुड़े रहेंगे। हम लोग आज इसी उद्देश्य के साथ यह सम्मेलन आयोजित कर समाज से भटके बच्चों को शिक्षा से जोड़ने की बात कर रहे हैं। हम अपने समाज के लोगों से कहें कि आप अपने बच्चों को अच्छे शिक्षा दें ताकि आपके बच्चे गांव परिवार के साथ देश का नाम रोशन करें। वहीं मौक पर मथुरा सिंह भोक्ता ने बताया कि हमें अपनी जाति को मजबूत करने एवं विकास के लिए शिक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा। शिक्षा की बदौलत हम समाज को मजबूत कर सकते हैं। जिससे आगे बढ़ सकते हैं। आज इस गांव में बच्चों कुछ बनाने के लिए अच्छे आवासीय विद्यालय और स्कूल होनी चाहिए ताकि हमारे बच्चे अच्छे शिक्षा ग्रहण कर सकें, यहां पर शिक्षा के साथ-साथ रोजगार और स्वास्थ्य की व्यवस्था भी करने की हम मांग सरकार से करते हैं। पहले यहां के लोग समाज से भड़क कर कहीं चले जाते थे लेकिन अब धीरे-धीरे बदलाव हो रहा है। अभी भी जो कुछ लोग आज शिक्षा के कारण भटके हुए हैं उन्हें जोड़ने के लिए सरकार कई योजनाएं चलाकर मुख्य धारा से जोड़ रही है। लेकिन उनको चाहीए की बच्चों को शिक्षित बनाने के लिए अच्छे शैक्षिक व्यवस्था जरूरी है। इसलिए सरकार से हम मांग करते हैं कि यहां पर जल्द से जल्द अच्छे शैक्षणिक व्यवस्था सरकार करें। वहीं इस दौरान छात्र प्रतिभा कुमारी और खुशबू कुमारी बताती है कि यहां पर अच्छी संस्था व्यवस्था नहीं है। हम सरकार से मांग करते हैं कि यहां पर अच्छे स्कूल और कोचिंग व्यवस्था होनी चाहिए ताकि हम लोग को अच्छे शिक्षा मिल सके और हम लोगों को अपने जीवन को कुशल लक्ष्य पानी की सफलता मिल सके। इस दौरान बिहार एवं झारखंड से आए कई भक्तों ने अपने समाज की उत्थान के प्रति कई बातें कही। इस मौके पर अनिल सिंह भोक्ता, मदन सिंह भोक्ता, पूर्व मुखिया हरिहर सिंह भोक्ता और पूर्व सरपंच पुणे सिंह भोक्ता सहित अन्य सैकड़ों लोग मौजूद थे।