राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था के खिलाफ इंडिया गठबंधन का प्रतिरोध मार्च

नीतीश कुमार का सुशासन फेल, अपराधी बेलगाम– इंडिया गठबंधन

गया।राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था के खिलाफ इंडिया गठबंधन के राज्यव्यापी प्रोटेस्ट मार्च के तहत आज गया में जोरदार प्रदर्शन किया गया। गांधी मैदान मुख्य द्वार से निकला मार्च कचहरी होते हुए समाहरणालय पहुंचा जहां सभा का आयोजन किया गया।

मार्च का नेतृत्व राजद जिला अध्यक्ष मो. मुर्शीद आलम, सुभाष यादव, कांग्रेस जिला अध्यक्ष गगन कुमार मिश्र, भाकपा माले जिला सचिव निरंजन कुमार, सीपीआई जिला सचिव सीताराम शर्मा, माकपा जिला सचिव राम खेलावन दास, वीआईपी के जिला अध्यक्ष राज किशोर साहनी कर रहे थे।

इस दौरान 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपा।

नेताओं ने कहा की बिहार में इन दिनों जिस तरह से अपराध की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है, उसे वर्तमान एनडीए सरकार रोकने में पूरी तरह असमर्थ साबित हुई है। सत्ता के संरक्षण में अपराध फल-फूल रहा है। राज्य में बढ़ रहे अपराधिक घटनाओं के कारण नागरिक समाज दहशत में है। अब तो घर के अन्दर भी लोग सुरक्षित नहीं हैं। नाबालिग बच्चियां भी घर से निकलने में अपने को भयभीत महसूस करती है। वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी के पिता की निर्मम हत्या का प्रसंग हो या अभी बिहटा में एक मोटर साईकिल चालक द्वारा कार चालक को मामूली गलती के लिए गोलियों से हत्या कर दिये जाने का मामला हो या मुजफ्फरपुर के डीवीआर कम्पनी में हुई युवतियों के साथ यौन शोषण की घटना। सम्पूर्ण बिहार दिन-ब-दिन इस तरह की घटनाओं से डर के माहौल में जीने को मजबूर है।

गया में ही अपराधियों द्वारा कभी टिकारी में संजय मांझी का हाथ तो अतरी में रंजीत कुमार का हाथ पैर काट दिया गया। इमामगंज में नाबालिग दलित लड़की का अपहरण कर बलात्कार किया गया।

बिहार में दिन-दहाड़े फिरौती और हत्या की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है। आज यहां की दलित, आदिवासी, अतिपिछड़ा और पिछड़े समाज की महिलाएं, बलात्कार, दमन और घुटन में जीने को अभिशप्त हैं। पूरा शासन-प्रशासन ध्वस्त हो चुका है। यहां तक की समाज का कोई भी वर्ग इस शासन-प्रशासन में सुरक्षित नहीं है।

बिहार की एनडीए सरकार इन सम्पूर्ण घटनाओं पर मूकदर्शक बनी हुई है। हम महागठबंधन के घटक दल बिहार में जारी इन घटनाओं के लिए अपराधियों और उनकी संरक्षक बनी एनडीए सरकार के इस संवेदनहीनता की निंदा करते हैं और महामहिम राज्यपाल महोदय से राज्य की दयनीय विधि व्यवस्था को संज्ञान में लेने का अनुरोध करते हैं ताकि अपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगे और बिहार का आम जन अमन चैन का जीवन जी सके।

मार्च में *राष्ट्रीय जनता दल* के महानगर अध्यक्ष जितेंद्र कुमार, पूर्व सांसद राजेश मांझी, पूर्व विधायक समता देवी व खान अली, विरेन्द्र गोप, विनय कुशवाहा, अजय दांगी, समीर कुमार, रौशन मांझी, विनोद शर्मा, प्रवीण शर्मा, विश्वनाथ यादव।

*कांग्रेस* के विजय कुमार मिठू, डॉ शशि शेखर, सुमंत कुमार, शशि किशोर, चंद्रिका प्रसाद, अमित कुमार, रंजीत कुमार, नवीन कुमार, बाबू लाल, विपिन बिहारी, विशाल कुमार, केदार प्रसाद।

*भाकपा माले* से नगर प्रभारी तारिक अनवर, ऐपवा जिला सचिव रीता वर्णवाल, आइसा नेता मो. शेरजहां, जिला कमिटी सदस्य रामचंद्र प्रसाद, सुदामा राम, रवि कुमार, पुलेन्द्र, श्रीचंद दास, रामलखन प्रसाद, बीरेंद्र सन्याल, रोहन यादव, सूर्यविलास पासवान, चंदू राम, शिला वर्मा, मो. शाकिब, रघुनंदन शर्मा, शिशुपाल कुमार, मो. अजीम, सिद्धनाथ सिंह, रामानंद सिंह, शंभू राम।

*सीपीआई* से वरिष्ठ अधिवक्ता मसूद मंज़र, मो. याहिया, अखिलेश प्रसाद।

*माकपा* से पीएन सिंह, रामवृक्ष दास, मो. शमीम।

*वीआईपी* से नागेंद्र यादव, सत्येंद्र मांझी गौतम।

इन सब के अलावे सैंकड़ों की संख्या में इंडिया गठबंधन के कार्यकर्ता शामिल रहे।

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