गया।दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के सामाजिक विज्ञान एवं नीति स्कूल के अंतर्गत संचालित समाजशास्त्रीय अध्ययन विभाग ने गया शहर स्थित सुधा डेयरी (मगध दुग्ध सहकारी संघ लिमिटेड) का शैक्षणिक दौरा किया | जन सम्पर्क पदाधिकारी (पीआरओ) मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि मास्टर ऑफ सोशल वर्क (एमएसडब्ल्यू) के छात्रों ने विभागाध्यक्ष प्रो. एम. विजय कुमार शर्मा के मार्गर्दर्शन में अपने विभाग के शिक्षकों के साथ डेयरी का भ्रमण किया | शैक्षणिक दौरे में छात्रों के साथ विभागाध्यक्ष प्रो. एम. विजय कुमार शर्मा, तथा अन्य प्राध्यापकगण क्रमशः डॉ. प्रिय रंजन, डॉ. हरेश नारायण पांडेय और डॉ. समापिका महापात्रा शामिल थे | इस व्यावहारिक भ्रमण ने छात्रों को डेयरी प्रसंस्करण में शामिल जटिलता की गहन समझ हासिल करने में मदद की।
इस दौरे का संचालन सुधा डेयरी, गया के प्रबंध निदेशक श्री ज्ञान शंकर प्रसाद ने किया, जिन्होंने छात्रों को डेयरी प्लांट के संचालन एवं अन्य गतिविधियों से रूबरू करवाया। दौरे के दौरान, छात्रों को प्लांट की विभिन्न महत्वपूर्ण इकाइयों से परिचित कराया गया, जिसमें शीतलन, मिश्रण और फ़िल्टरिंग प्रक्रियाएँ, साथ ही दूध का स्वाद जोड़ना और कोल्ड स्टोरेज शामिल थे । श्री प्रसाद ने सीयूएसबी के टीम से बिहार राज्य सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ का एक व्यापक अवलोकन भी साझा किया, जिसमें इसके इतिहास, मिशन और विज़न के बारे में विस्तार से बताया गया। उन्होंने गांव स्तर पर सामुदायिक भागीदारी की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला, विशेष रूप से दूध की खरीद में, और आसपास के गांवों में महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बिहार में जमीनी स्तर पर दूध और डेयरी प्रौद्योगिकी के प्रभावी कामकाज और प्रसंस्करण को सुनिश्चित करने में सामाजिक कार्यकर्ताओं के महत्व को भी रेखांकित किया।
उन्होंने बताया कि गया इकाई के अलावा, बिहार के आठ अलग-अलग जिलों से कच्चा दूध एकत्र करती है | सुधा डेयरी राज्य भर में नौ अन्य इकाइयों का संचालन करती है, जिनमें मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर और सुपौल, आरा आदि शामिल हैं। उन्होंने पशु कल्याण के लिए सुधा डेयरी की प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया, जिसमें किसानों को उनके पशुओं की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए पशु चिकित्सा सुविधाओं के प्रावधान का उल्लेख किया गया। छात्रों के साथ सुधा डेयरी, गया में उत्पाद प्रभारी सुश्री ज्योति प्रकाश भी थीं, जिन्होंने पूरे दौरे में मार्गदर्शन प्रदान किया। इस दौरे से छात्रों को डेयरी उद्योग के संचालन और इस क्षेत्र को बनाए रखने में सामुदायिक सहभागिता की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में व्यावहारिक जानकारी मिली।