21 फिट ऊँचा माँ दुर्गा की प्रतिमा निर्माण की है योजना
पटना।पिछले साल की भांति इस साल भी चैतन्य देवियो की होंगी आकर्षण का केंद्र…. युवा मंडली सम्पतचक पूजा समिति की ऒर से इस बार चैतन्य देवियो की अलौकिक रूप की अनुभूति इलाके के श्रद्धांलुओं को होंगी प्रजापिता ब्राह्मकुमारी ईस्वरीये संस्थान के सहयोग से इस बर्ष सप्तमी से दसमी के बिच माँ दुर्गा के नौ रूपों की झाकियां प्रस्तुत की जाएगी
पंडाल एवं लाइटिंग सतेंद्र टेंट हाउस एवं साउंड राज गुरु टेंट हाउस थ्रमकॉल इशू भाई
पंडाल लगभग 80 फिट चौड़ा एवं 141 फिट ऊँचा बन रहा है
ये है सदस्य… अध्यक्ष. पवन कुमार यादव
उपाध्यक्ष रामकुमार यादव
कोषाध्यक्ष प्रकाश सिंह
सचिव अमलेश कुमार यादव
बरिष्ठ सदस्य सूर्यदेव सिंह
संचालक कुंदन कुमार
पुजारी मुकेश कुमार पत्रकार आशीष कुमार
प्रबंधक संती कुमार रवि कुमार सनी कुमार राहुल कुमार
सदस्य धीरज दीपक गुड्डू उदित तुलसी
फल खीर हलवा का भोग
सम्पतचक बाजार मे बन रहे पंडाल मे सप्तमी के दिन हलवा फल का भोग लगाने की परम्परा है एवं अष्ट्मी के दिन खीर एवं नवमी के दिन कुंवारी कन्या का पूजन किया जाता है इसके बाद माता रानी को खीर पूरी का भोग प्रसाद लगाया जाता है यहाँ लाखो की संख्या मे लोग प्रसाद ग्रहण करने पहुंचते है
50 लाख रूपये अनुमानित है पूजा बजट
पूजा आयोजन मे लगभग पचास लाख का पूजा बजट अनुमानित है समिति के सदस्य बताते है की यहाँ पूजा के लिए सम्पतचक बाजार स्थित सभी दुकानदार एवं आस पास के लगभग सभी समाजसेवी से चंदा लिया जाता है आयोजन समिति के तरफ से सिरपतपुर से लेकर सोहगी मोड़ लगभग 2 किलोमीटर तक लाइट एवं सभी घर एवं दुकान को सीरीज लाइट से सजाया जायेगा
सम्पतचक बाजार मे इस बार एशिया का सबसे ऊँचा सिद्ध पीठ बड़ी दुर्गा माता मंदिर के तर्ज पर पंडाल बनाया जा रहा है पंडाल लगभग पाँच हजार बर्ग फिट मे तैयार किया जा रहा है जिसकी ऊंचाई लगभग 141 फिट एवं चौडाई 80 फिट अनुमानित है पंडाल निर्माण के लिए पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर के मुस्लिम समुदाय के सलीम भाई और उनके टीम को जिमेवारी सौपी गयी है आयोजन समिति जुड़े मुकेश कुमार ने बताया की यहाँ हर बर्ष मूर्ति से लेकर पंडाल निर्माण मे भव्यता और न्यापन होता है यहाँ पिछले बर्ष गुजरात के अक्षरधाम के तर्ज पर पंडाल बनाया गया था तो इस बार बेगूसराय के सिद्ध पीठ मंदिर के तर्ज पर पंडाल बनाया जा रहा है बताते चले की नवरात्र मे सप्तमी से दसमी के बिच लाखो श्रद्धालु एवं आसपास के लगभग पचास गांव के लोग पूजा पंडाल देखने एवं पूजा करने पहुंचते है