मोदी सरकार इजराइल का समर्थन करना बंद करे
गया।फिलिस्तीन में एक साल से जारी जनसंहार और तबाही के खिलाफ वाम दलों के देशव्यापी आह्वान पर आज शहर में फिलिस्तीन एकजुटता मार्च निकाला गया। अंबेडकर पार्क से निकला मार्च समाहरणालय होते हुए दिग्घी तालाब पार्क पहुंचा जहां सभा किया गया जिसका संचालन भाकपा माले नगर प्रभारी तारिक अनवर ने किया। कार्यक्रम में भाकपा माले, माकपा व भाकपा के नेता कार्यकर्ता शामिल रहे।
वाम दलों ने पूरी ताकत से सड़कों पर उतरकर इस ज़ुल्म का विरोध दर्ज करते हुए इसे तत्काल रोकने की मांग करने का देशव्यापी आह्वान किया है। साथ ही मोदी सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि इजरायल को हथियारों के निर्यात पर फौरन रोक लगाई जाए और शांति प्रक्रिया की हिमायत की जाए जिससे आज़ाद फिलिस्तीन अस्तित्व में आ सके।
सभा को संबोधित करते हुए भाकपा माले जिला सचिव निरंजन कुमार ने कहा कि फिलिस्तीन पर जारी इजरायली जनसंहार के एक साल हो गए हैं। अब तक एक लाख पचासी हजार से अधिक बेगुनाह जानें जा चुकी हैं और करीब 1 लाख घायल हैं जिनमें ज्यादातर बच्चे व महिलाएं शामिल हैं। प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल ‘द लैंसेट’ के अनुसार इस साल के 6 अगस्त तक इन हमलों में कुल मरने वालों की तादाद 185000 से ज़्यादा हो सकती है।
वहीं भाकपा नेता वरिष्ठ अधिवक्ता मोहम्मद याहिया ने कहा कि अमरीका समेत अन्य साम्राज्यवादी देशों की मदद से ‘आत्मरक्षा’ के नाम पर किया जा रहा यह एक खुला जनसंहार है। एक समूचे देश के वजूद को मिटा देने की कोशिश है। युद्ध व मानवाधिकार से जुड़े तमाम अंतरराष्ट्रीय नियम, मान्यताएं व शांति अपील की धज्जियां उड़ रही हैं। अब पेजर और संचार के अन्य तकनीक का भयानक इस्तेमाल करते हुए इजरायल ने लेबनान तक इस हमले का विस्तार कर दिया है। कुल मिलाकर जुल्म और अन्याय के एक भयानक दौर के हम गवाह बन रहे हैं।
माकपा नेता प्रो. अली इमाम ने कहा कि दुनिया भर में लाखों लोग सड़कों पर आकर न सिर्फ़ इसका विरोध करते हुए तत्काल शांति की मांग करते रहे हैं बल्कि अपनी सरकारों पर फिलिस्तीनी अवाम के पक्ष में खड़े होने का दबाव भी बनाते रहे हैं।
कार्यक्रम में भाकपा माले नेता व जिला परिषद सदस्य बालेश्वर प्रसाद यादव, सुदामा राम, मो. शेरजहां, अर्जुन सिंह, बरती चौधरी, नवल किशोर यादव, शाकिब आलम, इंसाफ मंच जिला अध्यक्ष जामिन हसन, साबिर अली, भाकपा के जिला मंत्री सीताराम शर्मा, सत्येंद्र सुमन, राम जगन गिरी व माकपा से पीएन सिंह, रवींद्र सिंह, कपिलदेव सिंहा, मो. सुलतान समेत दर्जनों लोग शामिल थे।