वजीरगंज। दिव्यांगों का जीवन संघर्षों से भरा होता है, लेकिन उन्ही संघर्षों के बल बूते वे काफी मेहनती व किसी कार्य को लेकर सजग हो जाते हैं। शरीर का जो भी अंग पूर्ण नहीं होता उसकी पूर्ति वे अन्य तरीके अपना कर करते हैं। उन तरीकों को सिखाना और उनकी राहों को आसान बनाने का कार्य भी काफी परेशानी से भरा होता है। ऐसे में उन्हीं दिव्यांगों में से एक बहू वजीरगंज निवासी राजीव रंजन की 35 वर्षीय पत्नी उत्तमा कुमारी दिव्यांगों का सहारा बनने का संकल्प लेकर विभिन्न संस्थानों की सहायता से जुटी हुई है। उत्तमा बताती हैं कि पहले मुझे इस कार्य के लिये पारिवारिक सहयोग मिला, लेकिन खुद दिव्यांग रहने के कारण मुझे आवागमन एवं अन्य प्रकार की असुविधाओं का सामना करना पड़ा, लेकिन अब मैं अभ्यस्त हो चुकी हूँ। विगत छ: वर्षों से प्रगति दिव्यांगजन सेवा समिति गया में उप सचिव रहकर मैंने कई शिविरों के माध्यम से सैंकड़ो दिव्यांगों को यूआईडी, बैट्री साईिकल, ट्राईसाईकल, श्रवण यंत्र आदि दिलवाने में योगदान दिया है। दर्जनों दिव्यांगों ने अपने जीवन में अच्छा मुकाम भी प्राप्त किया है, जिसमें पुनावां के चान्सु आईआईटीएन बने, खिरियावां के चन्दन, वजीरगंज के उत्तम कुमार शिक्षक, राजेश शर्मा सहित अन्य अनुकरणिय नाम हैं। जिन्होंने अपनी काबिलियत को साबित करते हुए सपनों को साकार किया है। अगर थोड़ी सहायता से दिव्यांगजन अपने सपने पूरे कर ले रहे हैं तो हमें भी अपना हांथ उनकी सहायता के लिये बढ़ाते रहना चाहिए।