जन सुराज से जुड़ी जमीनी हकीकत जिस दिन दिल्ली और बिहार के नेताओं ने देख ली, उस दिन उन लोगों के अंदर छटपटाहट और बढ़ जाएगी: प्रशांत किशोर
*पटना:* बिहार में आय दिन अलग-अलग पार्टियों के नेताओं द्वारा जन सुराज और प्रशांत किशोर पर बे बुनियादी बातें कही जा रही है इसपर जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत ने कहा है कि राजनीति सिर्फ समीकरण की बात करने से नहीं होती बल्कि जनता का विश्वास जितना बहुत जरूरी है। प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि अभी सरकार को बदले कुछ ही महीने हुए हैं और आप देख रहे होंगे कि बिहार से दिल्ली तक नेताओं में छटपटाहट होने लगी है। ऐसा इसलिए हो पा रहा क्योंकि बिहार में जमीन में लोगों को जन सुराज की ताकत दिख रही है। मुझे अगर कोई धंधे बाज कह रहा है तो मैं बस इतना ही कहना चाहुंगा की हां मैं इस बार बिहार के लोगों और बिहार को सुधारने के लिए काम ले लिया है।
*धंधेबाज जिन नेताओं को कहना है कह लीजिए, बिहार इस बार जनता का ठेका लेकर आए हैं सुधारे बिना मानेंगे नहीं: प्रशांत किशोर*
हम बिहार इसबार जनता का ठेका लेकर आए हैं ताकि जनता के लिए काम कर सकें। अभी तरकस में कई तीर बाकी है। बिहार में कई लोग कह रहे हैं कि पदयात्रा हो गई अब क्या करेंगे तो मैं उनको बतला दूं कि अभी इससे बड़ा बुलेट दागना बाकी है। जब हम पदयात्रा में आए थे तो 1 सौ से 50 लोगों के साथ आए थे मगर आज हज़ारों से भी ज्यादा लोग जन सुराज के साथ जुड़ गए हैं। बिहार के अन्य पार्टियों को समीकरण बनाने दीजिए कोई MY समीकरण बना रहा है कोई PY बना रहा है। कोई A to Z बना रहा है। आप देखियेगा 1 ही समीकरण होगा वो होगा जन बल का समीकरण। देश में जन बल के आगे कोई समीकरण नहीं है।