गया।दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के शिक्षा पीठ के शिक्षक शिक्षा विभाग द्वारा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की मालवीय मिशन-शिक्षक प्रशिक्षण योजना के तहत उच्च-शिक्षा शिक्षकों के राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ओरिएंटेशन एवं सेन्सिटिज़ेशन हेतु आठ-दिवसीय शिक्षक विकास कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हो गया | जन सम्पर्क पदाधिकारी (पीआरओ) मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि ऑनलाइन मोड के माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों एवं उच्च शिक्षा से सम्बंधित विभिन्न संस्थाओं में काम कर रहे देश के 12 राज्यों के 86 प्रतिभागियों ने भाग लिया |
कार्यक्रम के समापन सत्र के मुख्य अतिथि एवं वक्ता प्रो. अमर पाल सिंह, कुलपति, डॉ. राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, लखनऊ, उत्तर प्रदेश जबकि अध्यक्षता सीयूएसबी के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह ने की । समापन समारोह के औपचारिक उद्घाटन के पश्चात प्रो. संजय प्रकाश श्रीवास्तव, अधिष्ठाता एवं विभागाध्यक्ष, विधि एवं शासन प्रणाली पीठ, सीयूएसबी द्वारा मुख्य अतिथि एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया गया। आगे आठ दिवसीय कार्यक्रम के रिपोर्ट को डॉ दिग्विजय सिंह, कार्यक्रम समन्वयक, विधि एवं शासन प्रणाली पीठ द्वारा प्रस्तुत किया गया। उन्होंने कार्यक्रम के अंतर्गत विचार-विमर्श किए गए विषयों की विशिष्ट जानकारी देने के साथ-साथ वक्ताओं द्वारा दिए गए व्याख्यान का संक्षिप्त विवरण, विश्लेषण तथा प्राप्त निष्कर्षों एवं सिफारिशों को प्रस्तुत किया। दो प्रतिभागियों ने पूरे कार्यक्रम के सन्दर्भ में अपना फीडबैक दिया। डॉ. धर्मेंद्र कुमार यादव, सहायक प्राध्यापक, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय और सुश्री प्रभा चेन्नामूर्थी, शिक्षक गवर्नमेंट स्कूल, तमिलनाडु द्वारा दिया गया। इन दोनों प्रतिभागियों ने कार्यक्रम के सफल और अनुशासित आयोजन को सराहा।
समापन सत्र के मुख्य अतिथि एवं वक्ता प्रो. अमर पाल सिंह, कुलपति, डॉ. राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, लखनऊ ने अपने व्याख्यान में एनईपी 2020 के अन्तर्गत दिए गए लक्ष्यों का पुनरावृत करते हुए इसे एसडीजी के लक्ष्य 4 को प्राप्त करने में सहायक माना तथा उन्होंने आज के डिजिटल युग में शिक्षकों की भूमिका को अति महत्वपूर्ण बताते हुए प्राइमरी स्कूलों से लेकर विश्वविद्यालय स्तर पर, समावेशी शिक्षा को प्रोन्नत करने का संकल्प शिक्षकों को लेने के लिए कहा। प्रो. सिंह ने आगे एनईपी 2020 में वर्णित भारतीय भाषा को बढ़ावा देने वाले प्रावधानों को भारतीय शिक्षा व्यवस्था के लिए अति उपयोगी माना तथा अन्य भारतीय भाषा के साथ संस्कृत भाषा के उत्थान पर जोर दिया। उन्होंने शिक्षकों की भूमिका पर ध्यान केंद्रित किया।
अपने अध्यक्षीय भाषण में प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह, कुलपति, सीयूएसबी ने छात्र, शिक्षक और माता-पिता के सकारात्मक सहयोग से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सफलतापूर्वक लागू होने की बात कही। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की शिक्षा को समाज तक विस्तृत करने में शिक्षकों की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। शिक्षा, अनुसंधान और एक्सटेंशन क्रियाओं का सम्मिलित असर समाज पर दिखाना चाहिए। कार्यक्रम निदेशक डॉ. तरुण कुमार त्यागी (सहायक प्राध्यापक, डीटीई) के नेतृत्व में कार्यक्रम संचालन डॉ. पूनम कुमारी (सहायक प्राध्यापक, डीटीई) ने किया | कार्यक्रम के अंत में श्री मणि प्रताप, कार्यक्रम समन्वयक द्वारा सम्मानित अतिथि, रिसोर्स पर्सन्स, प्रतिभागियों एवं वर्चुअल मीटिंग में जुड़े हुए सभी शिक्षकों एवं सहयोगियों को धन्यवाद दिया गया। वहीँ प्रतिभागियों ने कार्यक्रम में शामिल होकर अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए संतोष प्रकट किया |