किसान व श्रमिक संगठनों ने अगस्त क्रांति दिवस पर निकाला मार्च

कॉरपोरेट कब्जे से मुक्ति के बगैर खेती किसानी का भला नामुमकिन– किसान महासभा

*किसान विरोधी विश्व व्यापार संगठन से बाहर निकले भारत– किसान संगठन*

*मजदूर विरोधी चार श्रम कोड वापस ले सरकार*



गया।संयुक्त किसान मोर्चा और केन्द्रीय श्रमिक संगठनों के देशव्यापी आह्वान पर 9 अगस्त 2024 को भारत छोड़ो दिवस के अवसर पर आज गया में जिला स्तरीय विरोध मार्च व सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सैंकड़ों लोग शामिल रहे।

अंबेडकर पार्क से निकला मार्च जीबी रोड होते हुए टावर चौक पहुंचा। इस बीच कोतवाली स्थित शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि व मौन सभा किया गया। मार्च में शामिल लोग भारत सरकार विश्व व्यापार संगठन से बाहर निकलो, बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारत छोड़ो के नारे लगा रहे थे।

विरोध मार्च का नेतृत्व अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला सचिव बालेश्वर प्रसाद यादव, अखिल भारतीय किसान सभा (जमाल रोड) के रामवृक्ष प्रसाद, ऑल इंडिया किसान सभा के राजकुमार शर्मा आदि नेता कर रहे थे।

सभा को संबोधित करते हुए बालेश्वर प्रसाद यादव ने कहा कि आज मोदी सरकार किसान मजदूरों की कीमत पर अपने कॉरपोरेट दोस्तों का मुनाफा बढ़ाने में लगी है। इसलिए किसानों ने कॉरपोरेट भारत छोड़ो का नारा छेड़ दिया है। मोदी सरकार का तीसरा कार्यकाल चल रहा है मगर खेती किसानी आज घाटे में चली गई है।

किसान नेताओं ने कहा की जिस तरह आज़ादी की लड़ाई में अगस्त क्रांति और अंग्रेजों भारत छोड़ो निर्णायक साबित हुआ उसी तरह देश का किसान इस दौर में खेती किसानी को लाभदायक बनाने के लिए संघर्ष कर रहा है। कॉरपोरेट कब्जे को खत्म किए बगैर कृषि का भला नहीं हो सकता है।

सभा को एक्टू नेता जियालाल प्रसाद, अखिल भारतीय किसान सभा के अरविंद कुमार सिन्हा, पारसनाथ सिंह, दयानंद वर्मा, अखिल भारतीय किसान महासभा के जितेंद्र यादव, नवल किशोर, किसान मजदूर नेता निरंजन कुमार, तारिक अनवर, सीताराम शर्मा ने भी संबोधित किया।

कार्यक्रम में रामचंद्र प्रसाद, सिद्धनाथ सिंह, सुदामा राम, अर्जुन सिंह, शंभू राम, रामजी पासवान, मोहम्मद अज़ीम, मोहम्मद शमीम समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल थे।

*किसानों की मांग*

भारत सरकार विश्व व्यापार संगठन से बाहर निकलो।
बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारत छोड़ो
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देना होगा।
किसानों का कर्ज माफ करो।
खाद्य सुरक्षा की गारंटी करो।
मजदूर विरोधी चार श्रम कोड वापस लो।

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