नामांकन के नाम पर अवैध वसूली और छात्रों को मानसिक प्रताड़ित करना बंद करे कॉलेज प्रशासन–तारिक अनवर
*एस–बी–ए–एन कॉलेज में नामांकन के नाम पर अवैध वसूल के खिलाफ आइसा का एक प्रतिनिधिमंडल मगध विश्वविद्यालय के कुलपति से की मुलाकात*
बोधगया।आइसा के एक प्रतिनिधिमंडल मगध विश्वविद्यालय कुलपति कार्यालय को ज्ञापन सौंपा गया प्रतिनिधि में शामिल आइसा गया जिला प्रभारी तारिक अनवर, आइसा राज्य परिषद सदस्य मो.शेरजहां,रंजित राज इत्यादि शामिल रहे ।
तारिक अनवर व आइसा राज्य परिषद सदस्य मो.शेरजहां ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा है की एस.बी.ए.एन कॉलेज में छात्राओं का U.G. सत्र 2024–28 के फर्स्ट सेमेस्टर में नामांकन होने के बाद जिसका नामांकन राशिद रू.210 का दे दिया गया था लेकिन छात्राओं को शुल्क बकाया राशि रु.3405 कॉलेज प्रशासन के द्वारा बताया जा रहा है।
विदित हो कि बिहार सरकार छात्राओं का नामांकन प्राथमिक कक्षा से पी.जी तक की पढ़ाई के लिए निःशुल्क शिक्षा है। बिहार के कई विश्वविधालयों के संबद्ध महाविधालयों में छात्रों से दाखिला और रजिस्ट्रेशन के नाम पर अवैध रूप से वसूली की जाती है। इसके खिलाफ में छात्राओं का विरोध प्रदर्शन लगातार हो रहा है, लेकिन काॅलेज कैम्पस में फीस के नाम पर शिक्षा का बाजारीकरण हो रहा है। बिहार सरकार इस मामले पर कोई ठोस पहलकदमी नही ले रही है। हम देख रहे है कि *बिहार में साईकिल योजना से लेकर स्कॉलरशिप तक बड़ी-बड़ी रकम छात्राओं को उच्च शिक्षा में जाने के लिए प्रलोभन दिए जा रहे है।* परन्तु बिहार में जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट में केवल 6.11 प्रतिशत लोग ही स्नातक की पढ़ाई पूरी कर रहे है। स्नातकोत्तर की पढ़ाई केवल 0.82 प्रतिशत ही कर रहे है। यह राज्य के लिए असंवेदनशील है। बिहार भर के कई विश्वविधालय के संबद्ध काॅलेजो में छात्राओं से फीस ली जा रही है। छात्रों का कहना है कि पहचान पत्र, परित्याग पत्र, यहां तक कि प्रोफेसर को निजी रूप से काॅलेज में पढ़ाने के लिए बुलाया जाता है। जिसका वेतन छात्राओं से लिए गए शुल्क पर आधारित होता है, साथ ही काॅलेज मेंटेनेंस चार्ज के नाम पर किया जा रहा है। अवैध वसूली यह बिहार के साथ छात्रों का भविष्य भी अंधकारमय होता जा रहा है। ऐसे में लगातार शिक्षण संस्थानों में अनियमितता और भ्रष्टाचार किया जा रहा है। एफ.वाई.यु.पी.आने से फीस वृद्धि की जा रही है इससे पूर्व स्नातक की पढ़ाई पूरी करने में छात्रों को केवल 6,000 ही देने परते थे वही एफ.वाई.यु.पी. के तहत रू. 30,000 लग रहा है यहां शोषितों-वंचितों, मजदूर-किसान वर्गो के बच्चे के लिए शिक्षा के क्षेत्र से बाहर किया जा रहा है। यह फीस वृद्धि छात्रों को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है।
*एस.बी.ए.एन. काॅलेज में छात्रों का नि:शुल्क नामांकन लेने और लिए गए शुल्क वापस करने की गारंटी करे काॅलेज प्रशासन। आइसा आने वाले दिनों में मजबूत गोलबंदी के साथ छात्रहित में आंदोलन करेगी।