अब राजद्रोह का नहीं देशद्रोह का कानून होगा लागू*



*कोसी परिमंडल ब्यूरो अमीर आजाद*

सिंहेश्वर, मधेपुरा आज से 163 साल से चले आ रहे ब्रिटिश कानून का अंत हो गया । एक जुलाई से भारतीय संसद में से पारित तीन नए अपराधिक कानून लागू कर दिया गया है । नए कानून में अब भारतीय दंड संहिता 1860 की जगह भारतीय न्याय संहिता 2023 , दंड प्रक्रिया 1973 की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की जगह भारतीय भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 लागू कर दिया गया है।  नए कानून के तहत अब लोगों को दंड नहीं न्याय मिल सकेगा ।
वहीं नए कानून के तहत महिलाओं और बच्चों के लिए 37 धाराओं को शामिल किया गया है । जिसके तहत 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की के साथ सामूहिक बालात्कार करने पर  आजीवन कारावास या मृत्युदंड की सजा का प्रावधान है । महिलाओं के लिए कानून को सशक्त कर दिया गया है अब लड़की से झूठे वादे या पहचान छुपाने पर अपराधिक कृत्य माना जाएगा । सरकार ने कानून में संशोधन करते हुए राजद्रोह की जगह अब देशद्रोह से से संबोधित किया जाएगा । ऐसे व्यक्ति जो भारतीय एकता और अखंडता को खतरे में डालने की गतिविधि में शामिल हिंगा उसे देशद्रोह कहा जाएगा । त्वरित न्याय के लिए भी 45 धाराओं को जोड़ा गया है।  इसके तहत किसी भी मामले कि पहली सुनवाई कर 60 दिनों के अंदर आरोप तय किए जाएंगे । आरोप तय होने के  90 दिन बाद अपराधियों की अनुपस्थिति पर भी कानूनी करवाई शुरू हो जाएगी या रहेगी ।
  भारतीय संसद में पारित कानून के तहत आपराधिक न्याय प्रणाली में बदलाव किया गया है। इस बदलाव में मजिस्ट्रेट को तीन साल कारावास की सजा के मामले में समरी ट्रायल करने का अधिकार रहेगा । समय पर न्याय मामले पर न्यायाधीश को पहली सुनवाई शुरू होने के 60 दिन के अंदर आरोप तय होगा और किस भी निर्णय की घोषणा 45 दिनों तक के समय में समापन की घोषण कर देना चाहिए ।
वहीं सरकार ने इस कानून को सरल बनाने के लिए एनसीआरबी ऐप के तहत नए कानून की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे । साथ ही सभी थाने को आधुनिक सुविधा से लैस किया जाएगा ।

नए आपराधिक कानून को राज्य में प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए बिहार पुलिस पूरी तरह से तैयार है और नए कानून को लागू करवाने के लिए 25 हजार से अधिक पुलिस अधिकारी को प्रशिक्षण दिया जा चुका है । भारतीय संसद में पारित नए कानून के तहत कोई भी आम आदमी घटना स्थल से एफआईआर दर्ज करा सकता है । सभी व्यवस्था को ऑनलाइन किया जा सकेगा । जिसके तहत कोई भी आम आदमी ऑनलाइन केस की स्टीडी कर सकेगा । इसके में अनुसंधान करता को लैपटॉप और मोबाइल भी उपलब्ध कराया जाएगा ।
नए कानून की जानकारी देते हुए थाना अध्यक्ष बिरेंद्र राम ने कहा कि सभी कानून को लागू करने में शुरुआती दौर में थोड़ी परेशानी आएगी लेकिन प्रचार प्रसार से लोगों को जागरूक किया जाएगा। लोग एप के माध्यम से भी जानकारी ले सकेंगे । मौके पर एएसआई रामदयाल सिंह, एएसआई महबूब खान, केडी यादव, सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे।

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